सूरन यानी जिमीकंद एक प्रकार का कंद मूल है, जिसमें कई ख़ास पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने में सहायता करते हैं. सूरन में कार्बोहाइड्रेट और फाइबर भरपूर मात्रा में होती है. इस कारण सूरन को खाने के बाद लंबे समय तक भूख नहीं लगती. यह भूख को कम करके वज़न घटाने में भी सहायक होता है. इस सब्ज़ी को स्लिमिंग फूड भी कहते हैं. सूरन में मौजूद पोटैशियम पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है. यदि इसे नियमित रुप से खाएं, तो कब्ज़ व कोलेस्ट्रॉल की समस्या नहीं होती. खांसी, बवासीर, वात, सांस संबंधी रोग, कृमि की बीमारी के उपचार में सूरन का उपयोग किया जाता है. जिन्हें लीवर में समस्या है, उन्हें भी डॉक्टर सूरन खाने की सलाह देते हैं.
- बवासीर की समस्या में सूरन को टुकड़ों में काटकर भाप में पका लें. फिर तिल के तेल में सब्ज़ी बनाकर खाएं और उसके ऊपर से छाछ पी लें. इससे हर तरह की बवासीर में लाभ होता है. इसे महीनेभर तक करें. अगर खूनी बवासीर हो, तो सूरन की सब्ज़ी के साथ इमली की पत्तियां व चावल लेने से फ़ायदा होता हैं.
- मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) में महिलाओं को अचानक गर्मी लगना, नींद न आना, अजीब सा व्यवहार जैसे लक्षण दिखते हैं. अध्ययन के अनुसार, सूरन के रस के इस्तेमाल से मेनोपॉज के लक्षण में काफ़ी हद तक राहत मिल सकती है.
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- सूरन ब्लड सर्कुलेशन सही करता है. इसमें मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी के कारण यह गठिया व अस्थमा के मरीज़ों के लिए भी अच्छा होता है. इसमें पाया जानेवाला कॉपर लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाकर शरीर में ब्लड के फ्लो को दुरुस्त करता है.
- सूरन में प्राकृतिक रूप से एलेंटॉइन केमिकल कंपाउंड होता है. एक शोध में पाया गया कि एलेंटॉइन में एंटी डायबिटिक प्रभाव होता है, लिपिड प्रोफाइल को सुधारने के साथ ब्लड शुगर को नियंत्रित करके डायबिटीज़ से बचाव करता है.
- सूरन लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स की श्रेणी में आता है और इसमें फाइबर अच्छी मात्रा में होता है, इस कारण डायबिटीज़ के मरीज़ इसे अपने भोजन में ज़रूर शामिल करें.
- सूरन में ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ये अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के साथ ख़राब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं.
- जिमीकंद में विटामिन बी6 पाया जाता है, जिससे बाल गिरने की समस्या दूर होती है और बाल हेल्दी व मज़बूत भी होते हैं. साथ ही सूरन चिड़चिड़ेपन और चिंता जैसी समस्या को भी कम करता है.
- सूरन में दर्द कम करने वाले और सूजन रोधी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द को कम करते हैं.
- जिमीकंद को एस्ट्रोजन बढ़ाने वाला भोजन भी कहते हैं. ये सब्ज़ी विटामिन बी6 व एंटीस्पास्मोडिक गुण पीएमएस यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षणों को रोकने के साथ-साथ ठीक करने में भी सहायक है.
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रिसर्च
एक रिसर्च के अनुसार, सूरन में एंटीऑक्सीडेंट रक्षा प्रणाली में वृद्धि करके व इंफ्लेमेशन प्रक्रिया को कम कर कोलन कैंसर से बचा जा सकता है.
सावधानी
- जिन्हें त्वचा संबंधी समस्याएं, ह्रदयरोग, रक्तस्राव, कुष्ठ रोग आदि है, वे सूरन का सेवन न करें.
- यदि सूरन खाने से मुंह आना या खुजली हो, तो नींबू या इमली का सेवन करें.
- अधिक मात्रा में सूरन के सेवन से उल्टी हो सकती है.
- साइनस के संक्रमण से पीड़ित मरीज़ों को जिमीकंद खाने से बचना चाहिए.
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