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डायनिंग रूम के लिए अपनाएं ये 9 वास्तु टिप्स (9 Dining Room Vastu Tips)
डायनिंग रूम (Dining Room) एकता का प्रतीक माना जाता है और घर के सभी सदस्यों का, एक कमरे में, एक टेबल पर बैठकर खाना अत्यंत शुभ होता है. इससे संपन्नता बढ़ती है और पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं. डायनिंग रूम के दरवाज़े की स्थिति बताती है कि लोग वहां से प्रवेश करते समय कैसा महसूस करते हैं? जैसेः
1. यदि दरवाज़ा पूर्व की ओर हो, तो भोजन करनेवाले तृप्ति का अनुभव करते हैं.
2. यदि उत्तर-पूर्व की ओर दरवाज़ा हो, तो वे उत्साहपूर्ण अनुभव करते हैं.
3. वैसे दक्षिणी क्षेत्र के दरवाज़े के सिवाय सभी क्षेत्र के दरवाज़ेे अच्छे होते हैं, क्योंकि दक्षिणी कोना शक्ति का सूचक है, इसलिए यहां बैठकर खाना खाने में असुविधा हो सकती है. वैसे आप चाहें तो यहां पर वायु घंटी या क्रिस्टल टांग कर इस प्रभाव को कम कर सकते हैं.
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4. कोशिश करें कि डायनिंग रूम खुला और बड़ा हो तथा उसकी दीवारें और छत ऊंची हों, जिससे भोजन करनेवालों को सुविधा हो सके और वे प्रसन्नचित से भोजन का आनंद ले सकें.
5. डायनिंग रूम का दरवाज़ा मुख्य द्वार के ठीक सामने नहीं होना चाहिए.
6. डायनिंग रूम के दरवाज़े के ठीक सामने पूजा घर या शौचालय नहीं होना चाहिए.
7. डायनिंग रूम के दरवाज़े और खिड़कियां पूर्व और उत्तर दिशा में होने चाहिए.
8. किचन का दरवाज़ा खुला हुआ हो, ताकि सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में बाधा न आए.
9. फ्रिज और गैस का बर्नर किचन के दरवाज़े के ठीक सामने नहीं होना चाहिए.
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