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7 लाइफ स्किल्स, जो हर महिला को सीखना चाहिए (7 Life Skills Every Woman Should Learn)

चाहे वर्किंग वुमन हो या फिर होम मेकर, कुछ ऐसे काम और स्किल्स हैं जो हर महिला को ज़रूर सीख लेने चाहिए. ज़िंदगी को आसान और उपयोगी बनाने में इनकी बड़ी भूमिका हो सकती है. इनमें से कुछ स्किल्स भले ही आपके रोज़मर्रा की ज़िंदगी में काम न आएं, लेकिन ज़रूरत पर अगर आपको ये न आएं, तो आपको बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है. वैसे भी छोटी-छोटी बातों के लिए पति या किसी दूसरे व्यक्ति का सहारा लेना कोई अच्छी बात नहीं. अन्विता मनीषा की बातों से इम्प्रेस हो गयी. उसने तय कर लिया कि अब वो भी ये छोटे-मोटे काम सीखेगी.

हर महिला को ये काम ज़रूर सीखने चाहिए
1. होम इकोनॉमिक्स (छोटी मोटी रिपेयरिंग):

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अगर आप सोच रही हैं कि इसका संबंध इकोनॉमिक्स यानी अर्थशास्त्र से है, तो आप ग़लत सोच रही हैं. विदेशों में एक सब्जेक्ट की तरह इसे कॉलेजों में पढ़ाया जाता है. इसके तहत आपको घरेलू ज़रूरत से जुड़ी कई स्किल्स की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है, लेकिन हमारे देश में आप इसे दूसरों को करते हुए या अलग-अलग फील्ड के लोगों से सीख सकती हैं. वैसे तो इसमें हाउस पेंटिंग, प्लंबिंग (नल आदि की फिटिंग), कारपेंट्री, इलेक्ट्रिकल वर्क एवं घर को मेंटेन रखने की और रिपेयरिंग से जुड़ी छोटी-मोटी कई चीज़ें शामिल होती हैं, लेकिन आप इनमें से कुछ ज़रूरी चीजें ज़रूर सीखें, जैसे फ्यूज़ उड़ जाने पर वायर दोबारा लगाना, अचानक नल की टोटी खराब हो जाए तो प्लंबर के इंतज़ार में न बैठकर खुद नल फिट कर लेना, दीवार में खूंटी लगाने के लिए ड्रिल मशीन का इस्तेमाल करना, कारपेंटर से जुड़े छोटे-मोटे काम करना आदि. इससे आपकी लाइफ आसान हो जाएगी.

2. फर्स्ट एडः बीमारियां और दुर्घटनाएं कभी भी हो

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सकती हैं. ऐसे में घबराकर रोने-धोने और चीखने-चिल्लाने की बजाय धैर्य से काम लेना ज़रूरी है. ऐसी मुश्किल की घड़ी में जो सबसे ज्यादा ज़रूरी है, वो है मरीज़ या दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा देने और फिर जल्द से जल्द उसे अस्पताल पहुंचाने की. इसके लिए आपको हमेशा घर में कुछ ज़रूरी दवाएं जैसे एंटीसेप्टिक मलहम, बैंडेज, पेनकिलर दवाएं व स्प्रे, कॉटन आदि रखनी चाहिए. साथ ही फर्स्ट एड का प्रशिक्षण भी ले लेना चाहिए. इन सबके साथ-साथ स्ट्रोक, हार्ट अटैक व हीट स्ट्रोक के दौरान कौन-सी सावधानियां बरती जाएं और मरीज को क्या फर्स्ट एड दिया जाए, यह भी ज़रूर जान लें.

3. वेहिकल्स का रेगुलर मेंटेनेंसः इन दिनों लगभग हर घर में कार या दोपहिया वाहन मिल जाते हैं. निजी वाहन अब कोई लग्जरी नहीं, बल्कि कामकाजी व्यक्ति की ज़रूरत हैं. मुसीबत तब होती है जब छोटी-मोटी खराबी के चलते वाहन रास्ते में अचानक अटक जाए और आसपास दूर-दूर तक कोई मैकेनिक न मिले. कई लोग कार या बाइक चलाते ज़रूर हैं, लेकिन उन्हें मेंटेन रखना नहीं जानते. ऐसे में आपको वाहनों के रखरखाव से जुड़ी छोटी-मोटी बातें ज़रूर सीखनी चाहिए. इनके नियमित साफ-सफाई का तरीका, ऑयल चेंज करना, टायर का प्रेशर चेक करना, छोटी-मोटी तकनीकी खराबियों को दुरुस्त करना, टू व्हीलर के लुकिंग ग्लास को सेट करना आदि चीज़ें आपको ज़रूरी सीखना चाहिए. अगर आप कार चलाती हैं तो गाड़ी का टायर बदलना भी ज़रूर सीखें, वरना कार में पड़ी स्टेपनी आपके किसी काम की नहीं रहेगी.

4. अनजान लोगों से संवाद करनाः यह बात आपको सुनने में भले ही अटपटी लग रही हो, लेकिन यह एक वास्तविकता है कि अब भी अधिकतर महिलाएं किसी अपरिचित से बातचीत करने में हिचकती हैं. उन्हें डर लगता है कि वे ठीक से बात न कर पाईं तो उनका काम बिगड़ जाएगा. बच्चों के स्कूल एडमिशन के दौरान, किसी सरकारी दफ्तर में, कोर्ट कचहरी में छोटे-मोटे एफीडेबिट, नोटरी पब्लिक द्वारा सत्यापन, डॉक्टर के पास जाने या ऐसे ही अन्य कामों के लिए या तो वे अपने पति-बेटे को साथ लेकर जाती हैं या फिर उन्हीं को भेजती हैं. ऐसे में हर वर्किंग या होम मेकर महिला के लिए कम्यूनिकेशन स्किल डेवलप करना, नेगोशियेशन करने की कला और लोगों से संवाद करने की कला सीखना बेहद ज़रूरी है.

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5. साइबर प्राइवेसी प्रोटेक्ट करनाः साइबर क्राइम में हुई बढ़ोत्तरी के मद्देनज़र यह ज़रूरी है. कूल मॉम टेक डॉट कॉम की लिज गंबीनर बताती हैं, जब भी आप ऑनलाइन शॉपिंग करती हैं, तो वेब एड्रेस के शुरूआत में देखें अगर http के बाद s नहीं लगा है, तो आपकेे क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स यहां चोरी हो सकती है. इसी प्रकार आपको अपने फेसबुक अकाउंट को भी सिक्योर करना सीखना चाहिए. बेहतर होगा कि यहां प्रोफाइल पिक को प्रोटेक्ट कर लें. अपनी निजी तस्वीरें बेतहाशा फेसबुक पर अपलोड करना बंद कर दें. फेसबुक अकाउंट को हमेशा प्राइवेट सेटिंग पर ही रखें, इसके बावजूद सेटिंग के माध्यम से सिर्फ दोस्तों तक पोस्ट पहुंचे ऐसा सुनिश्‍चित करें, क्योंकि इंटरनेट पर आप जो कुछ डालते हैं, वो कहीं न कहीं शेयर हो सकता है. साथ ही अपना फेसबुक एकाउंट का पासवर्ड नियमित अंतराल पर बदलती रहें.

6. अकेले यात्रा करनाः

बहुत सी या यूं कहें कि ज्यादातर महिलाएं अब भी अकेले किसी दूसरे शहर की यात्रा करने का साहस नहीं जुटा पातीं. यह एक तरह की कमज़ोरी है. गस्टी ट्रेवलर डॉट कॉम की सीईओ बोंड कहती हैं, आपको कम से कम एक बार सोलो ट्रैवलिंग ज़रूर ट्राई करनी चाहिए्. इसके लिए आपको किसी की भी मदद या सलाह न लेकर पूरा प्लान खुद तैयार करना चाहिए. अकेले यात्रा करने से आपका आत्मविश्‍वास बढ़ता है, प्लानिंग करनी की आदत पड़ती है, लोगों से बातचीत करने की हिचक खुलती है, तरह-तरह के ऐप्स यूज़ करने की आदत पड़ती है, नए लोगों और नई जगहों से रूबरू होने का मौका मिलता है और सबसे बड़ी बात यह कि मन का सुकून मिलता है. हां, शुरूआत आप बहुत कम दूरी की किसी जगह से कर सकती हैं.

7. अपने फाइनेंस को कंट्रोल करना, ताकि पता रहे क्या है और कितना हैः

आज की अर्थप्रधान दुनिया में सबसे ज्यादा अर्थपूर्ण अगर कुछ है तो वो है- अर्थ यानी मनी. आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी और अपने फाइनेंस पर कंट्रोल रहेगा तो आपको हर कोई पूछेगा और आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस भी बना रहेगा. आपको हमेशा पता होना चाहिए कि आपकी कितनी आय है, कितनी सेविंग्स है, महीने का औसत ख़र्च क्या है. आपकी हेल्थ इंश्योरेंस या लाइफ इंश्योरेंस कितने की है और आपको उससे क्या फायदा मिल सकता है. म्यूचुअल फंड्स कौन-सा अच्छा है, प्रॉपर्टी किस एरिया की अच्छी है आदि. आपको एक डायरी या कॉपी में आय-व्यय का पूरा हिसाब, अपनी ऐसेट्स व लायबिलिटी एवं वित्त से जुड़ी अन्य सभी जानकारियां दर्ज रखनी चाहिए. साथ ही पति की संपत्ति व आय-व्यय की जानकारी भी आपको ज़रूर रखनी चाहिए.

  • शिखर चंद जैन

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