करियर को बेहतर बनाने के लिए जिस तरह आपको एडवाइज़ की ज़रूरत पड़ती है, उसी तरह पति-पत्नी के रिश्ते में भी कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है जब उन्हें किसी की सलाह की ज़रूरत पड़ती है. अपनी शादी के रिश्ते को बेहतर तरी़के से निभाने में कौन-कौन कर सकते हैं आपकी मदद?
- मां
मां न स़िर्फ पहली गुरु होती है, बल्कि ज़िंदगी के हर मोड़ पर मदद भी करती है. अतः जब कभी आपको लगे कि हमसफ़र के साथ रिश्ते का संतुलन बिगड़ रहा है और आपको किसी से राय लेने की ज़रूरत महसूस हो, तो बेझिझक अपनी मां से बात करें. सालों से घर-परिवार और हर रिश्ते को सहेजने वाली मां आपके दांपत्य जीवन से जुड़ी हर उलझन दूर कर सकती है. इसी तरह जब कभी आपको लगे कि रिश्ते में कड़वाहट और दरार बढ़ रही है, तो मां से अपनी परेशानी शेयर करें. साथ ही एक बार अपनी मां की ज़िंदगी पर नज़र डालें. परिवार के लिए उनका त्याग और निःस्वार्थ प्यार आपको बहुत कुछ सिखा देगा और आप अपनी इस नई ज़िंदगी में ख़ुद को पूरी शिद्दत से ढालने की कोशिश करेंगी.
2. बहन
कई बार हमारे साथ कुछ ऐसा होता है जिसे हम माता-पिता से शेयर नहीं कर पाते, मगर अपनी वो बेहद निजी बात बहन को ज़रूर बता सकते हैं. भले ही पहले आप आपस में कितना भी झगड़ती हों, मगर आपकी बहन आपको अच्छी तरह समझती है. अतः वो आपको सही सलाह दे सकती है. मेघना कहती हैं, “कई बार पति के साथ मेरे रिश्ते में बहुत खटास पैदा हुई. मां को अपनी अनबन के बारे में बताकर मैं उन्हें परेशान नहीं करना चाहती थी, मगर किसी से अपने दिल की बात न कर पाने के कारण मैं अंदर ही अंदर घुट रही थी. एक दिन मेरी बहन घर आई और मेरे चेहरे की परेशानी पढ़कर उसने कारण पूछा और मैंने उसे सब बता दिया. इससे न स़िर्फ मेरे दिल का बोझ हल्का हो गया, बल्कि उसकी सलाह ने हमारे बिगड़े रिश्ते को सहेजने में भी मदद की. दरअसल, ग़ुस्से में हमें हमेशा सामने वाले की ही ग़लती नज़र आती है. जब कोई अपना हमें सच्चाई से रू-ब-रू करवाता है, तो हमेें एहसास होता है कि ताली एक हाथ से नहीं बजती.” शादी के रिश्ते में आई दरार और खटास के लिए पति-पत्नी दोनों ज़िम्मेदार होते हैं, मगर मानते नहीं हैं.
3. शादीशुदा दोस्त
आपका मैरिड फ्रेंड जिसकी शादीशुदा ज़िंदगी अच्छी चल रही है, वो भी आपको सही सलाह दे सकता है. जब कभी लगे कि आपके रिश्ते में ऑल इज़ वेल नहीं है, तो आप अपने इस दोस्त से मदद मांग सकती हैं. शादी के रिश्ते की सफलता के लिए क्या ज़रूरी है और क्या नहीं? आपका दोस्त आपको अच्छी तरह बता सकता है. प्रियंका कहती हैं, “मैं अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी इसलिए मायके में मुझे बहुत ज़्यादा लाड़-प्यार मिला, मगर ससुराल में स्थिति बिल्कुल विपरीत थी. बड़ी बहू होने के कारण मुझ पर कई ज़िम्मेदारियां आ गईं, ऐसे में मैं बहुत परेशान रहने लगी. कई बार झल्लाहट में पति से झगड़ा भी हो जाता कि आख़िर क्यों मैं सबके बारे में सोचूं, जबकि मुझे तो कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं देता. ऐसे में मेरी एक दोस्त ने मुझे समझाया कि हम मायके और ससुराल में एक जैसे प्यार और व्यवहार की उम्मीद नहीं कर सकते. ससुराल आने पर हर लड़की की ज़िम्मेदारियां बढ़ जाती हैं. ऐसे में नाराज़ या परेशान होने की बजाय उन ज़िम्मेदारियों को स्वीकार करने से ही ससुराल में आपकी इज़्ज़त बढ़ेगी और रिश्ते में प्यार भी बना रहेगा.”
4. सिंगल दोस्त
ज़रूरी नहीं कि शादीशुदा फ्रेंड ही आपको सही सलाह दे सकता है. कई बार अनमैरिड फ्रेंड की सलाह और उसका अनुभव भी आपके काम आ सकता है. भले ही वो अभी तक सेटल नहीं हुआ/हुई हो, मगर हो सकता है उसका कोई अतीत हो, हो सकता है किसी के साथ उसका ब्रेकअप हुआ हो. ऐसे में उसके अनुभव से सबक लेकर आप वो ग़लतियां करने से बच सकते हैं जो आपके दोस्त ने की थी. अनिल कहते हैं, “मेरे दोस्त हर्ष ने मुझे एहसास कराया कि ज़िंदगी में किसी हमसफ़र का होना कितना ज़रूरी है. उसने मुझे समझाया कि कई बार हमारे पास सब कुछ होते हुए भी हम एकदम अकेले हो जाते हैं, क्योंकि हमारे पास हमारी ख़ुशी, ग़म और बेहद निजी बातें शेयर करने के लिए कोई हमसफ़र नहीं होता. उम्र के इस पड़ाव पर उसे पार्टनर की कमी बहुत खलती है. वो कहता है कि मैं बहुत लकी हूं, क्योंकि मेरे पास जीवनसंगिनी है.”
5. तलाक़शुदा दोस्त
आप सोच रहे होंगे कि जो ख़ुद अपना रिश्ता नहीं निभा पाया भला वो क्या आपको सलाह देगा, मगर ऐसा नहीं है. ये दोस्त न स़िर्फ आपको सलाह दे सकता है, बल्कि उसके टूटे रिश्ते से आप सबक भी ले सकते हैं, जैसे- पार्टनर को ग्रांटेड न लें, रिश्ते के प्रति ईमानदार रहें, पैसों को लेकर न झगड़ें, एक-दूसरे को स्पेस दें, एक-दूसरे पर विश्वास करें आदि. जहां ये सारी चीज़ें नहीं होतीं, उस रिश्ते में जल्द ही दरार आने लगती है. रमेश ने बताया कि एक दिन पत्नी से किसी बात पर उनका बहुत झगड़ा हो गया और ग़ुस्से में वो अपने एक दोस्त जो तलाक़शुदा था, उसके घर चले गए. रमेश ने दोस्त को सब कुछ बता दिया. उनकी बातें सुनकर दोस्त ने कहा, “पति-पत्नी में झगड़ा होना कोई बड़ी बात नहीं है, मगर छोटी-छोटी चीज़ों को कभी तूल नहीं देना चाहिए. अपने रिश्ते के बीच कभी अहंकार को न आने देना, वरना ये पल भर का ग़ुस्सा और अहंकार तुम्हें सारी ज़िंदगी कांटे की तरह चुभता रहेगा और सब कुछ ख़त्म हो जाने के बाद तुम्हें पछतावा होगा कि काश! उस व़क्त मैं ही झुक जाता, तो आज मेरी गृहस्थी यूं न बिखरती. जो ग़लती मैंने की तुम भी वही मत दोहराओ. रिश्ते को सहेजने के लिए पति-पत्नी दोनों को स्वार्थ और अहंकार से ऊपर उठकर सोचना चाहिए. साथ ही ग़ुस्से और जल्दबाज़ी में कभी कोई ़फैसला नहीं करना चाहिए.”
6. सहकर्मी
ऑफिस में कोई समस्या आने पर आप अपने जिस सहकर्मी से सबसे पहले मदद मांगते/मांगती हैं, जिस पर विश्वास करते हैं, जो आपके दिल के सबसे क़रीब है, उससे आप अपनी पर्सनल लाइफ डिस्कस कर सकते हैं. हो सकता है, उसके पास आपकी समस्या का कोई हल हो. कई बार वर्किंग कपल्स की समस्याएं एक जैसी होती हैं. सपना कहती हैं, “घर और ऑफिस की दोहरी ज़िम्मेदारी निभाते-निभाते मैं इतनी तनावग्रस्त हो गई थी कि मुझे लगने लगा सारी दुनिया की परेशानियां स़िर्फ मेरी ही ज़िंदगी में हैं. ऐसे में मेरी कलीग नेहा ने मेरा नज़रिया बदला. उसका मानना है कि परेशानियां तो हर किसी की ज़िंदगी में होती हैं और चाहकर भी उनसे बचा नहीं जा सकता, तो क्यों न हंसते हुए उनका सामना किया जाए. नेहा ने अपने बारे में बताया कि ससुराल में सबका ख़्याल रखने के बावजूद ससुराल वाले हर व़क्त उसे ताना मारते रहते हैं, क्योंकि उसने लव मैरिज की है. बावजूद इसके वो परिवार के प्रति अपना फर्ज़ निभाती है. उसकी परेशानियां कभी उसके चेहरे पर नज़र नहीं आतीं. उसकी इसी ख़ूबी की वजह से पति उसकी बहुत इज़्ज़त करते हैं.