1. पैरेंटिंग कपल्स
इस तरह के कपल्स में पति-पत्नी में से कोई एक पैरेंट्स (अभिभावक) की तरह व्यवहार करता है. - पति चाहता है कि पत्नी मां की तरह उसकी देखभाल करे. - अच्छा खाना खिलाए. - उसकी सारी ज़रूरतों का ध्यान रखे. - मां की तरह वात्सल्य दे. - कई बार पत्नी भी इसी तरह की इच्छा रखती है और पति में अपने पिता को देखती है. - वो चाहती है कि पति, पिता की तरह उससे स्नेह भरा व्यवहार करे. - उसकी मुसीबतों से रक्षा करे और केयर करे. समस्याः बात यदि इतनी-सी हो, तो ज़्यादा मुश्किल नहीं आती और एक हेल्दी रिलेशनशिप चलती रहती है, लेकिन जब अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं, तब रिलेशनशिप में दरार पड़ सकती है. कारणः सुधा के पैरेंट्स ओवर प्रोटेक्टिव थे और उससे बेहद प्यार करते थे. सुधा चाहती थी कि उसके पति रोज़ सुबह उठने के बाद उसके गालों पर किस करें, क्योंकि उसके पिता भी ऐसा ही करते थे. कुछ समय तक तो सब ठीक चलता रहा, मगर बाद में पति को इससे चिढ़ होने लगी और यही बात उनके आपसी झगड़े की वजह बन गई. इस तरह के व्यवहार का गहरा संबंध व्यक्ति के बचपन से जुड़ा होता है.2. पेंडुलम कपल्स
ये कपल्स कभी एक-दूसरे की केयर, तो कभी उपेक्षा करते हैं यानी पेंडुलम की तरह कभी इस तरफ़, तो कभी उस तरफ़. इनका मूड बदलता रहता है, कभी प्यार, तो कभी उपेक्षा. - इस तरह के कपल्स में एक पार्टनर दूसरे का बहुत ज़्यादा ख़्याल रखता है, जबकि दूसरा पार्टनर उसके द्वारा की जानेवाली केयर पर ध्यान नहीं देता. - फिर कभी दूसरा पार्टनर केयर करने लगता है, तो पहला पार्टनर उपेक्षा करता है. - इनकी रिलेशनशिप एक पहेली बनी रहती है. समस्याः रवि अपनी पत्नी को ख़ुुश करने के लिए रोज़ सुबह चाय बनाता था, लेकिन पत्नी इन सबके प्रति उदासीन रहती थी. जब पत्नी कभी अपना प्यार दर्शाने के लिए रवि के लिए कुछ करती, तब रवि उसकी ओर ध्यान न देता. इस तरह के कपल्स शादीशुदा होने के बावजूद अपना पसंदीदा पार्टनर ढूंढ़ते रहते हैं, जिस कारण हमेशा एक तरह के अपराध भाव से भी ग्रस्त रहते हैं. कारणः इस तरह की संभावनाएं अक्सर उन कपल्स में पाई जाती है, जो मानसिक रूप से एक-दूसरे के अनुरूप नहीं होते. इसका एक कारण दोनों का अलग-अलग कल्चरल बैकग्राउंड होना भी हो सकता है. ये बात दोनों अच्छी तरह जानते हैं कि वे ङ्गमेड फॉर इच अदरफ नहीं हैं, पर वे एक-दूसरे को कह नहीं पाते.यह भी पढ़ें: लड़कियों के 15 दिलचस्प झूठ
3. इनसिक्योर कपल्स
इस तरह के कपल्स में एक पार्टनर का आत्मविश्वास इतना कम होता है कि वे दूसरे पार्टनर को आत्मविश्वास के मामले में बहुत ऊंचाई पर रखते हैं. - ये कोई भी काम या निर्णय लेने के लिए अपने पार्टनर पर निर्भर रहते हैं. - ये दूसरे पार्टनर को अपना आदर्श मानते हैं. - इन्हें ख़ुद से ज़्यादा अपने पार्टनर पर विश्वास होता है. समस्याः इनकी ख़ुद के बारे में बहुत ही नकारात्मक व ग़लत धारणाएं होती हैं, इसीलिए दूसरा पार्टनर हमेशा इन पर हावी रहता है और हमेशा पहले पार्टनर को उनकी कमियों की याद दिलाता रहता है. इससे ये ख़ुद को असुरक्षित महसूस करते हैं. कारणः वैसे ये इस सच्चाई को जानते हैं कि दूसरा पार्टनर भले ही ख़ुद को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा हो, लेकिन वो भी परफेक्ट नहीं है. उसमें भी कमियां हैं, पर साथ ही ये भी सोचते हैं कि ख़ुद अकेले तो ये कुछ कर नहीं पाते और इससे बेहतर पार्टनर इन्हें मिल ही नहीं सकता था, इसलिए दांपत्य जीवन की गाड़ी चलती रहती है.4. परफेक्ट कपल्स
परफेक्ट कपल्स एक-दूसरे की हर बात का पूरा ख़्याल रखते हैं और लोगों के सामने आदर्श जोड़े का उदाहरण पेश करते हैं. - इस तरह के कपल्स एक-दूसरे के प्यार में इस तरह डूबे रहते हैं कि इनकी घनिष्ठता दूसरों के दिल में जलन और डर पैदा करती है. - ये लोगों से हमेशा अपने पार्टनर की तारीफ़ ही करते रहते हैं. - ये हर वो काम करते हैं, जिससे लोग इन्हें परफेक्ट कपल्स समझें. - ये कपल्स पार्टियों या फंक्शन में एक-दूसरे की पसंद और मैच करते हुए कपड़े पहनते हैं. - ये हर छोटी-छोटी बात पर अपने पार्टनर को कॉम्पलीमेंट देना नहीं भूलते. समस्याः इस तरह के रिश्ते में संभावना होती है कि एक पार्टनर बॉसगिरी नेचर का हो और दूसरा सहनशील या दब्बू प्रवृत्ति का हो, लेकिन ये कपल्स अपनी रिलेशनशिप में कुछ ग़लत होने की बात से हमेशा इंकार करते हैं. कारणः इन्हें देखकर लोगों को भले ही ङ्गपरफेक्ट कपलफ का भ्रम हो, लेकिन हो सकता है कि अंदर की स्थिति इतनी अच्छी न हो और शायद उसे छुपाने के लिए ये ङ्गहैप्पी मैरिजफ का दिखावा कर रहे हों.5. ड्रामेबाज़ कपल्स
इस तरह के कपल्स छोटी-छोटी बातों पर भी बहस करने से बाज़ नहीं आते. साथ ही एक-दूसरे की कमियों को हमेशा लोगों के सामने उजागर करने से भी नहीं चूकते. - इसमें दोनों कपल्स में परिपक्वता की कमी होती है. - इन्हें पार्टनर की भावनाओं की क़दर नहीं होती. - ये कपल्स अक्सर बेवजह बहस करते रहते हैं. समस्याः कई बार ये कपल्स सार्वजनिक स्थानों पर आपस में कलह करना शुरू कर देते हैं. जब तक दोनों एक-दूसरे से वाद-विवाद न कर लें, इन्हें चैन नहीं आता. दोस्तों-रिश्तेदारों के सामने झगड़ा होने पर ये पारिवारिक मुद्दों के साथ-साथ सेक्स लाइफ पर भी कटाक्ष करने से गुरेज़ नहीं करते. कारणः इसका कारण शायद यह हो सकता है कि एक या दोनों पार्टनर अपने माता-पिता को लड़ते-झगड़ते देखते हुए ही बड़े हुए हों. इनकी रिलेशनशिप हेल्दी न होने के कारण ये ख़ुद को असुरक्षित महसूस करते हैं. ये हमेशा एक-दूसरे को कंट्रोल करने की कोशिश में लगे रहते हैं. ये साथ-साथ इसलिए रहते हैं कि या तो इन्हें आर्थिक फ़ायदा हो रहा हो या तलाक़ लेने में कोई बड़ी अड़चन हो.यह भी पढ़ें: अपने रिश्ते को बनाएं पॉल्यूशन फ्री!
6. मैच्योर कपल्स
ये स्थिर व प्रतिष्ठित कपल्स होते हैं. इन्हें एक-दूसरे को केवल आदर देना ही नहीं आता, बल्कि एक-दूसरे को स्पेस और प्राइवेसी देना भी आता है. - इस तरह के कपल्स अपने पार्टनर की अच्छाइयों व बुराइयों को अच्छी तरह समझते हैं. - ये रिलेशनशिप में होनेवाले उतार-चढ़ाव को भी सहजता से स्वीकार करते हैं. - इस तरह के कपल्स सार्वजनिक जगहों पर अपनी समस्याओं की कभी भी चर्चा नहीं करते. - ये पार्टनर्स एक-दूसरे पर हावी होने की बजाय खुलकर लोगों से बातचीत का लुत्फ़ उठाते हैं. समस्याः कभी-कभी ज़रूरत से ज़्यादा मैच्योरिटी इनके रिश्ते को नीरस बना देती है. इन कपल्स में विवाहित जोड़ों के बीच होनेवाली मीठी नोंक-झोंक कम ही देखने को मिलती है. कारणः अपने रिश्ते को हेल्दी बनाने के लिए ये हावी होना, ईर्ष्या व अन्य समस्याओं को दूर ही रखते हैं. ये एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझ व जानकर एक-दूसरे की इच्छाओं व भावनाओं का सम्मान करते हुए एक हेल्दी मैरिज लाइफ जीते हैं.यह भी पढ़ें: हेल्दी रिलेशनशिप के लिए छोड़ें भावनाओं की ‘कंजूसी’
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