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6 बुरी आदतें जो अच्छी है (6 Bad Habits That Are Good)
सेहतमंद ज़िंदगी (Healthful Life) के लिए हमेशा अच्छी आदतें (Good Habits) अपनाने की सलाह दी जाती है, मगर बुरी (Bad) मानी जाने वाली कुछ आदतें भी ऐसी हैं जो सेहत (Health) के लिए अच्छी साबित हो सकती हैं.
कॉफी पीना
माना कि दिन में 5-6 कप कॉफी गटक जाना कहीं से भी सही नहीं है, मगर रिसर्च बताते हैं कि दिन में 2-3 कप कॉफी पीने से पित्त की पथरी का ख़तरा कम होता है. किडनी स्टोन होने का ख़तरा भी कम रहता है. इतना ही नहीं, यदि आपका मूड ख़राब है तो एक कप कॉफी पी लें. कॉफी में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो मूड ठीक करने में मदद करते हैं.
गॉसिप करना
आप सोच रहे होंगे कि भला गॉसिप करने में क्या अच्छाई है? मगर रिसर्च कहते हैं कि गॉसिप करना सेहत के लिए अच्छा है, क्योंकि गॉसिप करने से शरीर से फील गुड हार्मोन रिलीज़ होता है, जो स्ट्रेस और एंग्ज़ाइटी दूर करने में सहायक है. साथ ही ऑफिस में किसी कलीग से मन की बात शेयर कर लेने से आप हल्का महसूस करते हैं.
ज़्यादा सोना
आमतौर पर देर तक सोने वालों को आलसी कहा जाता है, लेकिन शोध के मुताबिक़, जो लोग देर तक सोते हैं यानी अपनी नींद पूरी करते हैं, उनका मेटाबॉलिज़्म अच्छा रहता है और उनका वज़न भी नहीं बढ़ता.
चॉकलेट खाना
चॉकलेट का नाम सुनते ही बच्चों से लेकर बड़ों तक के मुंह में पानी आ जाता है. चॉकलेट जंकफूड है ये सोचकर हम चॉकलेट से परहेज़ करते हैं, जबकि कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि चॉकलेट खाना बुरा नहीं है. ये न स़िर्फ मीठा खाने की संतुष्टि देती है, बल्कि दिल की बीमारियों से भी बचाती है, ख़ासतौर पर डार्क चॉकलेट. ये लो ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करती है. शोध के मुताबिक़, जो लोग ज़्यादा चॉकलेट खाते हैं उनको स्ट्रोक का ख़तरा कम होता है.
दिन में सपने देखना
ऐसा कहा जाता है, जिनके पास कुछ काम नहीं होता वही दिन में सपने देखते हैं. ऐसे लोग आलसी होते हैं, इसलिए काम करने की बजाय जागती आंखों से सपना देखते हैं, जबकि शोध कहते हैं कि दिन में सपने देखने वालों की याददाश्त तेज़ होती है. जर्नल ऑफ साइकोलॉजिकल साइंस में प्रकाशित शोध की मानें, तो दिन में सपने देखने वालों में एकाग्रता अधिक होती है और मल्टीटास्किंग में भी ये अच्छे होते हैं.
ग़ुस्सा करना
हर व्यक्ति का ग़ुस्सा ज़ाहिर करने का तरीक़ा अलग-अलग होता है, हालांकि ग़ुस्से को हमेशा ही सेहत के लिए नुक़सानदायक माना गया है, मगर शोध के अनुसार, ग़ुस्सा बाहर निकाल देने से आप अंदर से शांत हो जाते हैं, जिससे इम्यून सिस्टम इंप्रूव होता है. इतना ही नहीं, ग़ुस्सा ज़ाहिर कर देने से कैंसर का ख़तरा भी कम हो जाता है.
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