आदत नंबर 1
तेल को बहुत ज़्यादा गर्म करना सब्ज़ियों को बनाते व़क्त अक्सर ऐसा होता है कि पैन में तेल को पहले गर्म किया जाता है और जब तक तेल गर्म होता है हम दूसरे काम करने लगते हैं. कई बार तेल इतना गर्म हो जाता है कि उसमें से धुआं निकलने लगता है. तेल को उसके स्मोक प्वॉइंट से ज़्यादा देर तक गर्म करना या दोबारा गर्म करना सेहत के लिए ख़तरनाक हो सकता है. ज़्यादा गर्म करने से तेल के कई तत्व ब्रेकडाउन हो जाते हैं, जिससे तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स नष्ट हो जाते हैं और कई नुक़सानदायक तत्व तेल में बन जाते हैं. उपाय - तेल को धुआं निकलने तक गर्म न करें. - बचे हुए तेल को दोबारा गर्म न करें.आदत नंबर 2
कच्चे और पके हुए मांस को एक ही प्लेट में रखना मांस या मछली को जिस प्लेट में पकाने से पहले रखा है, उसी प्लेट में पकाने के बाद उसे न परोसें. कई बार ऐसा होता है कि जल्दबाज़ी में या किसी और कारण से जिस प्लेट में कच्चा मांस रखा होता है, उस प्लेट को धोए बगैर मांस को पकाकर उसी में रख देते हैं. लेकिन ये आदत आपको बहुत बीमार कर सकती है. दरअसल, कच्चे या रॉ मांस में कई तरह के बैक्टीरिया होते हैं, जो प्लेट में चिपके रह जाते हैं और पके मांस के साथ चिपक जाते हैं, इन्हें खाने से बीमार पड सकते हैं. उपाय - जिसमें कच्चा मांस रखा हो, उस प्लेट को दोबारा अच्छी तरह से धोकर इस्तेमाल करें या अलग प्लेट का इस्तेमाल करें.आदत नंबर 3
खाना पूरी तरह से ठंडा होने पर ही रेफ्रिजरेट करना कई लोगों का ऐसा मानना है कि खाना ठंडा होने के बाद ही फ्रिज में स्टोर करना चाहिए पर ये आदत भी सही नहीं. दरअसल, अगर रूम टेंपरेचर पर खाना 2 घंटे से ज़्यादा बाहर रखा है, तो उसमें बैक्टीरिया पनपने के चांसेस ज़्यादा रहते हैं. उपाय - 2 घंटे के भीतर ही खाना ठंडा होते ही, उसे फ्रिज में रख दें. - पूरी तरह से ठंडा या दो घंटे से ज़्यादा बाहर रखा हुआ खाना फ्रिज में न रखें. - गरम खाना फ्रिज में बिल्कुल न रखें, इससे फ्रिज का टेंपरेचर बढ़ सकता है और फ्रिज बिगड़ सकता है.आदत नंबर 4
नॉनस्टिक पैन को तेज़ आंच पर इस्तेमाल करना या पैन पर स्टील और मेटल के चम्मच, कड़छी का इस्तेमाल करना तेज़ आंच पर नॉनस्टिक पैन रखने से उस पर लगी कोटिंग से परफ्लूरोकार्बन धुआं बनकर निकलता है. यह शरीर के विकास पर असर डालता है, साथ ही लिवर को भी नुक़सान पहुंचा सकता है. मेटल के चम्मच या कड़छी के इस्तेमाल की वजह से इस पर लगी कोटिंग निकलकर खाने के साथ पेट में जाकर बीमार कर सकती है. उपाय - नॉनस्टिक ख़रीदते समय उस पर लिखे निर्देशों को एक बार पढ़ लें. कई कंपनियां पैन के कवर पर उसे कितने टेंपरेचर पर गर्म करना है इसकी जानकारी देती हैं. - मेटल की जगह नॉनस्टिक के लिए ख़ास डिज़ाइन किए गए लकड़ी या हीट सेफ रबर की कड़छी का इस्तेमाल करें.आदत नंबर 5
खाने को बहुत ज़्यादा चलाना या घोलना कई बार गैस पर रखी सब्ज़ी या खाद्य पदार्थों को लोग देर तक कड़छी से चलाते रहते हैं, यह सोचकर की सारे मसाले अच्छी तरह से मिक्स हो जाएंगे या खाना पैन की सतह पर लगकर कहीं जल ना जाए, लेकिन ये आदत भी सही नहीं. इसके अलावा पकौड़े या बेकिंग वाले आइटम बनाते व़क्त घोल को बहुत ज़्यादा नहीं घोलना चाहिए. आटे को बहुत देर तक घोलने से उसमें ग्लूटेन बन जाता है, जो पाचन तंत्र में गड़बड़ी ला सकता है. उपाय - अगर रेसिपी की डिमांड है, तभी उसे देर तक चलाएं, नहीं तो धीमी आंच पर पकाते रहें, जिससे खाने के जलने का ख़तरा नहीं होता है. - कई बार बैटर को ज़्यादा इसलिए घोलना पड़ता है, ताकि वो फूल जाए और डिश अच्छी बने. इसके लिए दूसरा तरीक़ा यह है कि बैटर को बनाकर उसे आधे से एक घंटे के लिए रख दें. ऐसा करने से बैटर ख़ुद-ब-ख़ुद फूल जाएगा.इन बातों का भी रखें ख़्याल
- खाना पकाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से लगभग 20 सेकंड तक धोएं. - फल, सब्ज़ियां, मीट-मछली अच्छी तरह से धोकर इस्तेमाल करें. - कटिंग या चॉपिंग बोर्ड को भी इस्तेमाल करने से पहले धो लें. - किसी भी आहार को चखकर ये पता लगाने की कोशिश न करें कि वह आहार ख़राब हुआ है या नहीं. - किचन के बर्तनों को हल्के गर्म पानी से डिश धोनेवाले साबून से साफ़ करें और अच्छे से पोंछकर बर्तनों को सुखा लें. याद रखें कि जिस स्पंज से आप बर्तन को धो रहे हैं, उसे हर महीने बदल दें. - खाना पकाते व़क्त उसमें हाथ को डिप करके उसे बार-बार टेस्ट न करें. अगर खाने का स्वाद चखना है, तो चम्मच का इस्तेमाल करें. - किचन के नल और सिंक की नियमित सफ़ाई करें. ख़ासकर तब जब सिंक में आपने मीट या मछली को साफ़ किया हो, क्योंकि इनसे निकले बैक्टीरिया पानीवाली जगह पर तेज़ी से फैलते हैं.
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