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कहीं आपके बढ़ते वजन का कारण ये 5 हार्मोन्स तो नहीं? कैसे करें कंट्रोल?( 5 Hormones That Are Responsible For Weight Gain In Women And How To Manage Them)

हेल्दी और फिट रहने के लिए हार्मोन्स का संतुलित रहना बेहद ज़रूरी है. भूख, नींद, सेक्स लाइफ से लेकर मूड तक हार्मोन्स से प्रभावित होते हैं. इतना ही नहीं अगर आपका वज़न लगातार बढ रहा है या बहुत कोशिशों के बाद भी कम नहीं हो रहा है. तो इसके लिए भी कुछ हार्मोन्स ज़िम्मेदार हो सकते हैं.
 
हार्मोन्स में असंतुलन की कई वजहें हो सकती हैं, जिसमें प्यूबर्टी, प्रेग्नेंसी, कुछ दवाओं का सेवन मुख्य वजहें हैं. हार्मोन्स के असंतुलन से शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य तो प्रभावित होता ही है, इससे वेट गेन की प्रॉब्लम भी हो सकती है. इतना ही नहीं, अगर आपके हार्मोन्स का लेवल गड़बड़ हैं तो वेटलॉस भी आपके लिए उतना ईज़ी नहीं होगा. इसलिए ज़रूरी है वज़न बढानेवाले हार्मोन्स को कंट्रोल में रखना.

1. थायरॉइड हार्मोन्स
थायरॉयड ग्लैंड्स का काम टी3, टी4 और कैल्सिटॉनिन हार्मोन्स प्रोड्यूस करना है. ये हार्मोन्स बॉडी का मैटाबोलिज़म मेंटेन करते हैं. अगर शरीर में इन हार्मोन्स का स्राव कम होता है, तो आप हाइपोथायरॉइडिज़म का शिकार हो सकते हैं, जिसका सीधा संबंध वज़न बढने से है.
क्या करें?
- नियमित रूप से थायरॉयड का टेस्ट कराते रहें. डॉक्टर को कंसल्ट करें.
- कच्ची सब्ज़ियां खाने से परहेज़ करें. पकी हुई सब्ज़ी ही खाएं.
- आयोडाइज़्ड नमक इस्तेमाल करें.
- अपने डायट में ज़िंक शामिल करें. ऑयस्टर और कद्दू के बीज ज़िंक के अच्छे स्रोत हैं.
- फिश ऑयल का सेवन करें. विटामिन डी सप्लीमेंट्स लें.
- अगर डॉक्टर ने थायरॉयड के लिए कोई दवा दी है, तो उसे नियमित खाएं.

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2. इंसुलिन
इंसुनिल पैनक्रियाज़ से स्रावित होनेवाला हार्मोन है, जिसका काम ग्लूकोज़ को कोशिकाओं तक पहुंचाना है. इसी ग्लूकोज़ के ज़रिए हमें एनर्जी मिलती है और हम तमाम काम कर पाते हैं. जब शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है, तो ग्लूकोज़ शरीर के अन्य भागों में पहुंच नहीं पाता, जिससे शरीर में काम करने की एनर्जी ही नहीं रह जाती. इससे शरीर का ब्लड शुगर लेवल भी प्रभावित होता है, जिससे वेट गेन होता है.
क्या करें?
- ब्लड शुगर लेवल चेक करते रहें. डॉक्टर से कंसल्ट करें.
- बैलेंस डायट लें. लो कार्ब डायट लें.
- स्टे्रस से दूर रहें.
- ज़्यादा से ज़्यादा फल और सब्ज़ियां खाएं.
- शराब-सिगरेट से परहेज़ करें.
- लेट नाइट स्नैकिंग से बचें.
- योग-एक्सरसाइज़ इंसुलिन को नियमित करने में मदद करता है.
- आठ घंटे की नींद ज़रूर लें. कम सोने से हार्मोन्स का बैलेंस गड़बड़ा सकता है, ख़ासकर इंसुलिन लेवल पर इसका सीधा असर होता है.

3. एस्ट्रोजन
एस्ट्रोजन का हाई या लो लेवल दोनों ही वज़न बढने का कारण बन सकता है. ओवेरियन सेल्स द्वारा अधिक मात्रा में एस्ट्रोजन का निर्माण या ऐसे फूड, जो एस्ट्रोजन रिच होते हैं, का सेवन एस्ट्रोजन लेवल को बढा सकते हैं. दरअसल स्वस्थ शरीर उचित मात्रा में इंसुलिन प्रोड्यूस करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. लेकिन शरीर में एस्ट्रोजन का हाई लेवल ऐसे सेल्स प्रोड्यूस करता है, जो इंसुलिन प्रोड्यूस करते हैं. इससे हमारा शरीर इंसुलिन रेज़िस्टेंट बन जाता है, जिससे ग्लूकोज़ लेवल हाई हो जाता है और वज़न बढने लगता है. जबकि लो एस्ट्रोजन की प्रॉब्लम ज़्यादातर उम्र बढने पर होती है, क्योंकि उम्र बढने के साथ एस्ट्रोजन प्रोडक्शन कम हो जाता है. एस्ट्रोजन प्रोड्यूस करने के लिए शरीर फैटी सेल्स का इस्तेमाल करता है और पूरी एनर्जी को फैट में कन्वर्ट कर देता है, जिससे वेट गेन होता है.
क्या करें?
- प्रोसेस्ड मीट खाने से बचें. मीट लोकल माकेंट से ही ख़रीदें.
- अल्कोहल से परहेज़ करें.
- नियमित योग-एक्सरसाइज़ करें. स्ट्रेस फ्री रहने की कोशिश करें.
- डायट में ज़्यादा से ज़्यादा साबुत अनाज, फ्रेश वेजीटेबल और फल शामिल करें.
- डॉक्टर से कंसल्ट करें. उन्हें बताएं कि एस्ट्रोजन लेवल मेंटेन रखने के लिए आपने लाइफस्टाइल में क्या-क्या बदलाव किए हैं, ताकि वो आपको सही सलाह दे सकें.

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4. टेस्टोस्टेरॉन
आमतौर पर टेस्टोस्टेरॉन को मेल हार्मोन समझा जाता है, लेकिन महिलाओं के शरीर में भी इसका स्राव होता है. टेस्टोस्टेरॉन सेक्स डिज़ायर को मेंटेन करता है, फैट बर्न करता है और हड्डियों व मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है. लेकिन बढती उम्र, स्ट्रेस आदि कारणों से कई बार टेस्टोस्टेरॉन का लेवल कम होने लगता है, जिससे मोटापा बढता है.
क्या करें?
- डॉक्टर से कंसल्ट करके टेस्टोस्टेरॉन के लेवल की जांच करवाएं.
- डायट में फ्लैक्स सीड, पंपकिन सीड्स, साबुत अनाज आदि हाई फाइबर वाली चीज़ें शामिल करें. इससे वेटलॉस में भी मदद मिलेगी.
- नियमित एक्सरसाइज़ करें. इससे टेस्टोस्टेरॉन लेवल इंप्रूव होगा और मेटाबोलिज़म भी बूस्ट होगा.
- विटामिन सी, प्रोबायोटिक और मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स लें.
- अल्कोहल से परहेज़ करें.
- ज़िंक और प्रोटीन सप्लीमेंट्स लें. इससे आपका टेस्टोस्टेरॉन लेवल ठीक होगा.

5. प्रोजेस्टेरॉन
शरीर के स्मूद फंक्शनिंग के लिए प्रोजेस्टेरॉन ज़रूरी है. लेकिन कई बार स्ट्रेस, मेनोपॉज़ या कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के सेवन से इसका लेवल कम हो जाता है, जिससे वज़न बढने लगता है.
क्या करें?
- अपने गायनेकोलॉजिस्ट से कंसल्ट करें.
- अगर कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स ले रही हैं तो अपने डॉक्टर से पूछें कि आपके लिए कौन-सा पिल बेहतर होगा.
- प्रोसेस्ड मीट का सेवन न करें.
- नियमित एक्सरसाइज़ करें. प्राणायाम भी फायदेमंद साबित होगा.
- स्ट्रेस से बचें. ज़रूरी हो तो स्ट्रेस मैनेजमेंट थेरेपी की मदद लें.

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स्लिमिंग मंत्र
लाइफ स्टाइलः लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं. बिज़ी रूटीन से समय निकालकर एक्सरसाइज़ करें. सही डायट और एक्सरसाइज़ से फिट रहना मुश्किल काम नहीं है.  
जंक फूडः आज के दौर में जंक फूड से पूरी तरह बचना तो मुमकिन नहीं, लेकिन उनमें भी हेल्दी ऑप्शन अपनाए जा सकते हैं. इसके अलावा जंक फूड के लिए हफ्ते या महीने में एक-दो दिन फिक्स कर लें और स़िर्फ उसी समय जंक फूड खाएं.
समय की कमीः बिज़ी लाइफ ने रेडी टु ईट खाना आदत बना दिया है. समय के अभाव ने फास्ट फूड और दो मिनट में बन जाने वाली चीज़ों की डिमांड बढ़ा दी है और इन्हीं चीज़ों से मोटापा बढ़ने लगता है. लेकिन कम समय में भी हेल्दी खाना बनाया जा सकता है जैसे- सूप, सलाद, ओट्स, दलिया आदि. वर्किंग कपल थोड़ी-सी प्लानिंग करके हेल्दी डायट अपना सकते हैं.
स्ट्रेसः तनाव भी वज़न बढ़ने की एक बड़ी वजह है. तनाव में अक्सर हम ज़्यादा खाते हैं. जब भी लगे कि आप तनाव महसूस कर रही हैं, तो एक ग्लास पानी पी लें. साथ ही तनावमुक्त होने के लिए एक्सरसाइज़ करें, जैसे- गहसी सांसें लें, मसल रिलैक्शेसन तकनीक अपनाएं.
नींद की कमीः लेट नाइट जागने की आदत और नींद पूरी न होने से भी मोटापा बढ़ता है. बेहतर होगा कि अपना हर काम समय पर पूरा करने की कोशिश करें ताकि आप समय पर सो सकें और पर्याप्त नींद ले सकें. रोज़ाना 7-8 घंटे की नींद बेहद ज़रूरी है.

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