Link Copied
आंखों के लिए अच्छे नहीं हैं ये 5 रोग (5 Diseases That Can Harm Your Eyes and Vision)
आंखें मानव शरीर का एक अहम् अंग हैं जिससे वो इस ख़ूबसूरत दुनिया को देख सकता है, लेकिन ज़रा सोचिए, अगर इन आंखों की रोशनी कमज़ोर पड़ जाए या फिर आंखों की रोशनी ही चली जाए तो ये रंगीन दुनिया कितनी बेरंग और अंधकारमय लगने लगेगी. इसलिए आंखों को लंबे समय तक सेहतमंद बनाए रखने के लिए उनकी सही देखभाल बहुत ज़रूरी है. दरअसल, हमारी आंखें शरीर के सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़ी होती हैं. ऐसे में शरीर में होने वाली किसी भी स्वास्थ्य समस्या का दुष्प्रभाव आंखों पर भी दिखाई देता है. हालांकि कई बार हम इन स्वास्थ्य समस्याओं को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जो आंखों की सेहत के लिए घातक साबित हो सकती हैं. चलिए जानते हैं ऐसे ही 5 रोग, जो आंखों की सेहत को नुक़सान पहुंचाते हैं.
हाई कोलेस्ट्रॉल
जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है तो इसका असर चेहरे पर साफ़ दिखाई देने लगता है. चेहरे पर कोलेस्ट्रॉल जमा होने के कारण आंखों के ऊपर और नीचे निशान पड़ जाते हैं. इसके अतिरिक्त अधिक कोलेस्ट्रॉल जमा होने से आंखों की ओर होने वाला रक्त संचार भी बंद हो जाता है, जिसके कारण धीरे-धीरे आंखों की रोशनी कमज़ोर होने लगती है और आंखों में दर्द की शिकायत होती है. हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण होने वाली आंखों की इस समस्या को डायस्लिपिडेमिया भी कहा जाता है.
लक्षण
. आंखों के ऊपर व नीचे निशान पड़ना.
. आंखों का बदसूरत नज़र आना.
. आंखों में दर्द व तकलीफ़ महसूस होना.
. आंखों से कम दिखाई देना.
थायरॉइड
गर्दन के बीचों बीच मौजूद तितली के आकार की थायरॉइड ग्रंथि से थायरॉइड हार्मोन का स्राव होता है, जो पूरे शरीर के मेटाबॉलिज़्म को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है. हालांकि इस ग्रंथि से आवश्यकता से कम या अधिक मात्रा में थायरॉइड हार्मोन्स का स्राव कई शारीरिक समस्याओं को जन्म दे सकता है और यह आंखों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. थायरॉइड ग्रंथि से जुड़े किसी भी विकार के चलते आंखों के आसपास के टिशूज़ में सूजन आने लगती है और डबल विज़न यानी हर चीज़ डबल दिखाई देती है. इतना ही नहीं, कई बार तो थायरॉइड के मरीज़ों की आंखें पूरी तरह से बंद भी नहीं हो पाती हैं. आंखें पूरी तरह से बंद भी नहीं हो पाती हैं.
लक्षण
. आंखों के आसपास के टिशूज़ में सूजन.
. आंखों में पानी भरना व दबाव महसूस होना.
. एक ही चीज़ का डबल-डबल नज़र आना.
. आंखों में सिकुड़न और ड्राइनेस की समस्या.
डायबिटीज़
डायबिटीज़जो लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हैं उन्हें अपनी आंखों की नियमित जांच करवानी चाहिए, क्योंकि इसका असर उनके शरीर के साथ-साथ आंखों पर भी पड़ता है. डायबिटीज़ के कारण आंखों की रोशनी कम हो जाती है और सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. इससे पीड़ित लोगों में रेटिनोपैथी, ग्लूकोमा और मोतियाबिंद जैसे कई नेत्र रोगों के होने की आशंका बढ़ जाती है. दरअसल, ब्लड शुगर में होने वाले उतार-चढ़ाव के कारण आंखों को ब्लड सप्लाई करने वाली कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे इमेज व कलर धुंधले दिखाई देने लगते हैं और रेटिना में सूजन आ जाती है. हालांकि कई बार इस समस्या का पता तब चलता है, जब यह बीमारी बहुत गंभीर रूप ले चुकी होती है.
लक्षण
. ग्लूकोमा या मोतियाबिंद की समस्या.
. आंखों का बार-बार संक्रमित होना.
. बार-बार चश्मे का नंबर बदलना.
स्ट्रोक
स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में हर साल 1.5 लाख लोग ब्रेन स्ट्रोक के शिकार होते हैं. जबकि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक़, ब्रेन स्ट्रोक के 41 फ़ीसदी मामलों में व्यक्ति की जान को ख़तरा होता है और 59 फ़ीसदी लोगों में शारीरिक या मानसिक दुर्बलता की आशंका बनी रहती है. हालांकि स्ट्रोक के बाद कुछ लोग चलने-फिरने में असमर्थ हो जाते हैं, जबकि कुछ की स्मरण शक्ति कमज़ोर पड़ जाती है और कई लोगों की आंखों से धुंधला दिखाई देने लगता है. कई बार स्ट्रोक के कारण आंखों की नर्व्स डैमेज हो जाती है, ऐसे में मरीज़ को एक ही चीज़ डबल दिखाई देने लगती है या फिर उसकी आंखों से सब कुछ धुंधला दिखता है.
लक्षण
. आंखों से सब कुछ धुंधला दिखाई देना.
. एक ही वस्तु का डबल नज़र आना.
. एक आंख से कम दिखाई देना.
. दोनों आंखों की रोशनी का प्रभावित होना.
रेटिनल माइग्रेन
रेटिनल माइग्रेन की समस्या होने पर आंखों में दर्द की शिकायत हो सकती है और जिन लोगों को रेटिनल माइग्रेन होता है उन लोगों की एक आंख की रोशनी क़रीब 10-20 मिनट के लिए चली जाती है, जबकि कुछ मामलों में तक़रीबन 1 घंटे के लिए आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है. कई बार आपको ऐसा भी लग सकता है कि आंखों के सामने लाइट फ्लैश हो रही है और आपको कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है. रेटिनल माइग्रेन में इन लक्षणों के आने से पहले या बाद में आपको सिरदर्द की परेशानी हो सकती है. रेटिनल माइग्रेन के लिए अत्यधिक एक्सरसाइज़, स्मोकिंग, डिहाइड्रेशन, हाइपरटेंशन और कैफीन जैसी कई चीज़ें ज़िम्मेदार हो सकती हैं.
लक्षण
. क़रीब एक घंटे तक सब कुछ धुंधला दिखाई देना.
. एक आंख की रोशनी का अचानक से कम हो जाना.
. रेटिनल माइग्रेन के बाद या पहले तेज़ सिरदर्द होना.
. सिरदर्द और मितली के साथ आंखों की रोशनी का कमज़ोर होना.
ये भी पढ़ेंः 10 अनहेल्दी आदतें, जो त्वचा को करती हैं खराब (10 Unhealthy Habits Which Are Not Good For Skin)