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4) तुम्हें तो मुझमें स़िर्फ कमियां नज़र आती हैं शादी के कुछ समय बाद पति-पत्नी हर बात में एक-दूसरे की कमियां गिनाने लगते हैं. ऐसा वो जानबूझकर या सोच-समझकर नहीं करते, लेकिन फिर भी उनकी शिकायतें बनी रहती हैं. एक ऐड एजेंसी में कार्यरत मेघना पुरी कहती हैं, पुरुष समझते हैं कि पत्नी को हमेशा उनसे शिकायत रहती है, लेकिन इसके पीछे वजह भी तो साफ़ है, क्योंकि तकलीफ़ पत्नियों को ही ज़्यादा होती है. आज ज़्यादातर औरतें घर, ऑफिस, फायनांस सारा कुछ एक साथ संभाल रही हैं, इसके बावजूद उनकी स्थिति पहले जैसी, बल्कि पहले से बदतर हो गई है. उनकी एडिशनल ज़िम्मेदारियों को तो पति एक्सेप्ट कर लेते हैं, बाहरी दुनिया में उनसे मॉडर्न अप्रोच भी रखते हैं, लेकिन जहां घर की बात आती है तो उन्हें वैसी ही पारंपरिक पत्नी चाहिए होती हैं जैसी उनकी मां या दादी थीं. 5) तुम मुझे चैन से जीने क्यों नहीं देती? शादी के बाद लगभग हर पुरुष की ये शिकायत होती है कि उनकी बीवी बात-बात में उन्हें टोकती है, उन्हें आज़ादी से जीने नहीं देती. ऐसे में पुरुष या तो पत्नी से झूठ बोलकर मनमानी कर लेते हैं या फिर ढीठ बन जाते हैं. एक प्राइवेट फ़र्म में कार्यरत प्रणव सिन्हा कहते हैं, जहां तक फ्रीडम की बात है तो मुझे इसमें किसी का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं. मैं प्राची (पत्नी) के पर्सनल मैटर में ख़ुद भी हस्तक्षेप नहीं करता, लेकिन जब वो इतनी स्मोकिंग क्यों करते हो, तुम्हारा यूं रात-रात तक दोस्तों से घिरे रहना मुझे बिल्कुल पसंद नहीं, तुम्हारे ऑफ़िस की लड़कियां इतनी रात गये फोन क्यों करती हैं, इतना वल्गर एसएमएस किसने भेजा जैसी बेहूदा कम्प्लेंट्स करती है तो मैं चिढ़ जाता हूं. भई मैं क्यों किसी के लिए अपनी ख़ुशी को दांव पर लगाऊं, फिर चाहे वो मेरी पत्नी ही क्यों न हो.यह भी पढ़ें: ये 7 राशियां होती हैं मोस्ट रोमांटिक (7 Most Romantic Zodiac Signs)
प्यार जताने या एक-दूसरे पर दोषारोपण करने का सभी कपल्स का तरीक़ा भले ही अलग-अलग हो, लेकिन ये बात तो तय है कि जब भी पार्टनर से ज़रूरत से ज़्यादा उम्मीद की जाती है तब रिश्ते में कड़ुवाहट का सिलसिला भी शुरू हो जाता है. प्यार के इतिहास, भूगोल पर टीका-टिप्पणी किये बिना यदि प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो की तर्ज़ पर स़िर्फ महसूस किया जाए या निभाया जाए तो शायद हम प्यार के इस ख़ूबसूरत रिश्ते का उम्रभर लुत्फ़ उठा सकते हैं. प्यार में आसक्ति ज़रूरी है रटगर्स यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता और 'व्हाई वी लव' किताब की लेखिका हेलन फिशर के अनुसार, प्यार हमारे पास तीन रूपों में आता है. पहला वासना, दूसरा चाहत और तीसरा आसक्ति. वासना और चाहत तो समय के साथ ख़त्म होने लगते हैं, लेकिन यही चाहत यदि आसक्ति में बदल जाए तो फिर यह बंधन ज़िंदगीभर का साथ बन जाता है.यह भी पढ़ें: पुरुषों में होते हैं महिलाओं वाले 10 गुण (10 Girly Things Men Do And Are Proud To Admit)
सीखें प्यार निभाने के 5 असरदार तरी़के 1) ज़रूरत से ज़्यादा अपेक्षाओं से बचें. 2) प्यार करें, अधिकार जताएं, पर हुकूमत न करें. 3) पति-पत्नी के परंपरागत फ्रेम से बाहर निकलकर अच्छे दोस्त बनें. 4) पज़ेसिव होने से बचें. 5) क़रीब रहें, पर इतना भी नहीं कि सांस लेना मुश्क़िल लगने लगे. रिश्तों के स्पेस को समझें. - कमला बडोनीये प्यार इतना कॉम्प्लिकेटेड क्यों है? जानने के लिए देखें वीडियो:
https://youtu.be/2xf82kF9JZE
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