प्यार से सिखाएं हर काम
- सबसे पहले तो यह ज़रूरी है कि आप प्यार से उन्हें सिखाएं. - याद रखें कि हमारे पुरुष प्रधान समाज में ऐसे पति कम नहीं जो देर से घर पहुंचते हैं और खाना खाकर सीधे सोने चले जाते हैं. समझदार पत्नियां अच्छी तरह जानती हैं कि उन्हें घरेलू कार्यों में पति की मदद कैसे लेनी है. - बजाय यह आदेश देने के कि बिस्तर लगा दो, प्यार से निवेदन करें कि प्लीज़ थोड़ी-सी मदद कर दें बिस्तर ठीक करने में, जिससे सोनू सो सके. देखिए वे इंकार नहीं करेंगे. - घर का कुछ सामान मंगाना हो, तो पूछिए कि क्या कार में पेट्रोल है? नहीं तो आप अभी डलवा लें, वरना सुबह ऑफिस के लिए लेट हो जाएंगे. जाते हुए फिर प्लीज़ कहकर आवश्यक सामान लाने की गुज़ारिश करें.आलोचना से बचें
- यदि वे घर के किसी भी काम में आपका सहयोग कर रहे हैं, तो उन्हें न तो सही तरीक़ा बताकर लज्जित करें, न ही आलोचना करें. - चाय बनाकर लाने पर तारीफ़ करें, भले ही चाय अच्छी न बनी हो या चाय बनाते समय कुछ ग़लती हो गई हो, तो भी ग़लती की तरफ़ इशारा न करें. यह न बताएं कि चाय उबलकर नीचे ज़मीन पर गिर गई या पत्ती कचरे के डिब्बे में नहीं डाली. - यदि ख़ामियां निकालेंगी, तो आगे से इस सहयोग से भी वंचित रहना होगा, यह जान लीजिए.विकल्प दें
- ऐसा नहीं कि जो काम आपने उन्हें करने को कह दिया, वे वही करें. यदि उन्हें चाय बनानी नहीं आती, तो कोई दूसरा काम उनसे करा सकती हैं. - बच्चों की यूनिफॉर्म प्रेस करने या बच्चे के होमवर्क कीज़िम्मेदारी सौंपें.
- अधिकतर पुरुषों को बिजली की मरम्मत या घर की देखभाल जैसे काम पसंद आते हैं. आप उनसे इस तरह के काम करवा सकती हैं. - पहले पंद्रह दिन बाहर के कामों की ज़िम्मेदारी आप निभाएं. बाद के पंद्रह दिन की ज़िम्मेदारी पति को दें. बाहर के काम पुरुषों को पसंद होते हैं. - जिस काम को करने में उनकी रुचि बिल्कुल नहीं, उसे कराने से बचें. आपका काम उन्हें चिढ़ाना नहीं, उनसे सहयोग लेना है. मिलकर काम करें - मिल-जुलकर काम करने से न केवल काम आसान होता है, बल्कि प्यार भी बढ़ता है. दोनों को एक-दूसरे के क़रीब रहने का मौक़ा मिलता है. साथ-साथ ख़रीददारी करने जाएं. - आप बर्तन साफ़ करें, तो पति से कहें कि वो बर्तनों को पोंछकर व्यवस्थित तरी़के से सही जगह पर रख दें. - आप खाना बना रही हैं, तो उनसे टेबल लगाने को कहें. आप देखेंगी कि जल्दी ही यह दिनचर्या आप दोनों को अच्छी लगने लगेगी और काम करना व घर चलाना भी आसान हो जाएगा.कभी-कभी असहयोग भी करें
- कोई भी समझदारी काम नहीं आ रही हो, तो चिंता न करें. सीधा-सा उपाय है, वही करें, जो आपके पति कर रहे हैं. - ऑफिस से देर से घर जाएं. उनकी तरह व्यवहार करें. घर जाकर बहुत काम होने का रोना रोएं और एक कप चाय की गुज़ारिश करें. - इस बदइंतज़ामी का असर अगले दिन की झल्लाहट पर नज़र आएगा. - मुश्किल ज़रूर है, लेकिन जैसे स्वास्थ्य लाभ के लिए कड़वी गोली खानी पड़ती है, वैसे ही जीवन को सुखमय बनाने के लिए ये उपाय हैं. उनके ग़ुस्सा होने पर अपना धैर्य बनाए रखें. - याद रखें कि आपको उनसे लड़ना या जीतना नहीं, उनसे सहयोग लेना है. नियंत्रण कठिन लगे, तो चुपचाप घर से निकल पड़ें. उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाए बिना बहुत शांति से अपनी बात कहें और बताएं कि अकेले घर चलाना कितना मुश्किल है, इसलिए सहायता करो. - हर रोज़ बाहर से खाना ऑर्डर करना आसान नहीं है. कहीं न कहीं, देर-सबेर आपकी बात समझने के सिवाय उनके पास और कोई चारा नहीं रहेगा.थोड़ा-सा समय दें
- धैर्य रखें, लेकिन दृढ़ रहें. याद रखें कि रातोंरात कुछ नहीं बदलता, थोड़ा समय लगेगा. जीवनभर की आदतें बदलने में समय तो लगेगा ही. - एक्सपर्ट का कहना है कि इस सहयोग की आदत को विवाह के आरंभिक दिनों से ही डाल देना ठीक रहता है. यह भी हो सकता है कि आपके बदलावों से परेशान होकर वे आपकी ख़ुशामद करें या उपहार आदि देकर फुसलाने की कोशिश करें, मगर बातों में न आएं. आपके पसीजते ही सारी कोशिशें नाकाम हो जाएंगी. - हार मत मानें, कोशिश जारी रखें. इन प्रयासों से जल्दी ही सफलता हाथ लगेगी, जो भविष्य में आपकी गृहस्थी के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी.- अमृता प्रकाश
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