गिलोय की पत्तियां पान के पत्ते की तरह होती हैं. इसकी पत्तियों में प्रोटीन, कैल्शियम और फॉस्फोरस भरपूर मात्रा में होता है. ये पत्ते स्वाद में कसैले, कड़वे व तीखे होते हैं. वात, कफ़ और पित्त की समस्या को गिलोय के इस्तेमाल से ठीक किया जा सकता है. गिलोय पचने में आसान होने के साथ भूख भी बढ़ाता है. ये नुक़सानदायक बैक्टीरिया से लेकर पेट के कीड़ों तक को मार देती है. साथ ही टीबी की बीमारी में बननेवाले जीवाणु को बढ़ने से भी रोकती है. आंत व यूरीन सिस्टम के साथ-साथ पूरे शरीर को प्रभावित करनेवाले रोगाणुओं को भी दूर करती है. गिलोय डायबिटीज़, पीलिया, बुखार, उलटी, सूखी खांसी, हिचकी, बवासीर आदि बीमारियों में फ़ायदेमंद है.
घरेलू नुस्ख़े
- गिलोय की पत्तियों को पानी में उबालकर पीने से इम्यूनिटी बढ़ती है. साथ ही इसकी पत्तियों को अन्य फलों के साथ जूस में मिलाकर भी पी सकते हैं.
- गिलोय के 10-20 मि. ली. जूस के साथ गुड़ का सेवन करने से कब्ज़ की समस्या दूर होती है.
- हिचकी हो रही हो, तो गिलोय व सोंठ के चूर्ण को मिक्स कर लें और इसे सूंघे. इसके अलावा गिलोय व सोंठ के चूर्ण की चटनी बनाकर इसे दूध में मिलाकर पिलाने से भी हिचकी आना बंद हो जाता है.
- एनीमिया की समस्या हो तो गिलोय में घी और शहद मिलाकर लेने से खून की कमी दूर होती है.
- गिलोय के तने को पानी में घिसकर गुनगुना कर कान में 2-2 बूंद दिन में दो बार डालने से कान की गंदगी निकल जाती है.
- एसिडिटी के कारण उलटी हो, तो 10 मि. ली. गिलोय रस में 4-6 ग्राम मिश्री मिला लें. इसे सुबह- शाम पीने से उलटी बंद हो जाती है.
- हरड़, गिलोय तथा धनिया को समान मात्रा में लेकर आधा लीटर पानी में उबालकर काढ़ा बना लें. इसमें गुड़ डालकर सुबह-शाम पीने से पाइल्स की प्रॉब्लम दूर होती है.
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- गिलोय के 10-20 पत्तों को पीसकर एक ग्लास छाछ में मिलाकर छानकर सुबह के समय पीने से पीलिया ठीक होता है.
- 10 मि. ली. गिलोय के रस को पीने से डायबिटीज़, वात विकार के कारण होनेवाली बुखार व टायफायड में लाभ होता है.
- गिलोय के 5-10 मि. ली. रस या 20-30 मि. ली. काढ़ा रोज़ कुछ समय तक सेवन करने से गठिया में लाभ होता है. इसके अलावा सोंठ के साथ सेवन करने से जोड़ों का दर्द मिटता है.
- 40 ग्राम गिलोय को अच्छी तरह मसलकर मिट्टी के बर्तन में रखें. फिर इसे पाव लीटर पानी मिलाकर रातभर ढककर रख लें. सुबह मसल लें और छानकर 20 मि. ली. की मात्रा में दिन में तीन बार पीने से पुराना बुखार ठीक हो जाता है.
- 20 मि. ली. गिलोय के रस में एक ग्राम पिप्पली और एक चम्मच शहद मिला लें. इसे सुबह-शाम सेवन करने से पुराना बुखार, कफ़, खांसी, अरुचि आदि परेशानी दूर होती है.
- ब्लड कैंसर के मरीज़ों पर गेहूं के ज्वारे के साथ गिलोय का रस मिलाकर सेवन करने से लाभ मिलता है.
- अडूसा छाल और गिलोय को बराबर मात्रा में लेकर आधा लीटर पानी में पकाकर काढ़ा बनाएं. ठंडा होने पर 10-30 मि. ली. काढ़े में शहद मिलाकर पीने से बदहजमी, सूजन, सूखी खांसी, सांस तेज चलना, बुखार आदि परेशानी दूर होती है.
- गिलोय के 10-20 मि. ली. रस के साथ गुड़ और मिश्री के साथ सेवन करने से एसिडिटी में लाभ होता है.
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- 10-20 मि. ली. गिलोय के रस को दिन में दो-तीन बार कुछ महीनों तक नियमित रूप से पिलाने से कुष्ठ यानी लिप्रोसी बीमारी में फ़ायदा होता है.
- 10 मि. ली. गिलोय के रस में 1-1 ग्राम शहद व सेंधा नमक मिक्स करके आंखों में लगाने से आंखों के आगे अंधेरा छाना, चुभन, काला व सफ़ेद मोतियाबिंद ठीक हो जाता है.
सुपर टिप
कफ़ की तकलीफ़ में गिलोय को शहद के साथ लें.
- ऊषा गुप्ता
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