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अगर ये 15+ लक्षण हैं तो फौरन थायरॉइड टेस्ट करवाएं (15+ Symptoms Of Thyroid)

हमारे गले में मौजूद थायरॉइड ग्लैंड्स (Thyroid Glands) थायरॉइड हार्मोंस का निर्माण करते हैं. थायरॉइड हार्मोंस के अधिक निर्माण (ओवरप्रोडक्शन) या कम निर्माण (अंडरप्रोडक्शन) की वजह से थायरॉइड (Thyroid) की समस्या (Problem) होती है. थायरॉइड हार्मोंस हमारे शरीर के तापमान, मेटाबॉलिज़्म और हार्टबीट को नियंत्रित करते हैं. Symptoms Of Thyroid थायरॉइड के असंतुलन के कारण निश्‍चित कारण का तो पता नहीं, लेकिन तनाव, पोषण की कमी, आनुवांशिकता, ऑटोइम्यून अटैक, प्रेग्नेंसी, वातावरण में मौजूद टॉक्सिन्स आदि इसकी वजह हो सकती हैं. लक्षण चूंकि ये हार्मोंस बड़े स्तर पर काम करते हैं, इसलिए पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन इन लक्षणों के आधार पर इसका पता लगाया जा सकता है- थकान: अगर आप दिनभर थकान महसूस करते हैं और रात में अच्छी नींद लेने के बाद भी सुबह ख़ुद को थका हुआ महसूस करते हैं, तो हो सकता है कि आपके थायरॉइड ग्लंड्स हार्मोंस का कम निर्माण कर रहे हों. डिप्रेशन: यह भी हाइपोथायरॉइडिज़्म यानी हार्मोंस के कम स्तर का संकेत हो सकता है, क्योंकि थायरॉइड हार्मोंस का संबंध मस्तिष्क के सेरोटोनिन नामक तत्व (मोनोअमाइन न्यूरोट्रांसमीटर) से होता है. सेरोटोनिन एक बायोकेमिकल है, जो हमें अच्छा महसूस कराता है और ख़ुश रखने में सहायता करता है. थायरॉइड के कम निर्माण से सेरोटोनिन के स्तर पर भी प्रभाव पड़ता है, जिससे हम डिप्रेशन में जा सकते हैं. Symptoms Of Thyroid चिंता: बहुत अधिक चिंतित रहना या अजीब-सी घबराहट महसूस होना हाइपरथायरॉइडिज़्म (अधिक निर्माण) से संबंधित हो सकता है. थायरॉइड हार्मोंस का स्तर जब बहुत अधिक बढ़ जाता है, तब आप रिलैक्स महसूस न करके हाइपर रहते हैं, क्योंकि आपके मेटाबॉलिज़्म को इसी तरह के सिग्नल्स मिलते हैं. भूख, स्वाद और वज़न में परिवर्तन: हाइपरथायरॉइडिज़्म से बहुत अधिक भूख लगने लगती है, लेकिन वज़न बढ़ने की बजाय कम होता जाता है, जबकि हाइपोथायरॉइडिज़्म से स्वाद और गंध में बदलाव आता है और वज़न बढ़ सकता है. ये भी पढ़ेंः ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण, लक्षण व उपचार (Osteoarthritis: Causes, Symptoms, And Treatments मस्तिष्क पर प्रभाव: थायरॉइड के अधिक बढ़ जाने से एकाग्रता की कमी हो सकती है और इसके कम होने से याद्दाश्त पर विपरीत प्रभाव पड़ता है यानी आप भूलने की समस्या से परेशान हो सकते हैं, साथ ही मस्तिष्क में एक रुकावट व असमंजस की स्थिति बनी रहती है. अक्सर थायरॉइड के इलाज के बाद मरीज़ काफ़ी हैरान हो जाते हैं कि पहले की अपेक्षा उनका मस्तिष्क कितना तेज़ हो गया है, क्योंकि उन्हें यह अंदाज़ा ही नहीं होता कि थायरॉइड की वजह से भी ऐसा हो सकता है. Symptoms Of Thyroid सेक्स लाइफ: थायरॉइड हार्मोंस के कम होने पर सेक्स में दिलचस्पी कम होने लगती है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसका सीधा संबंध थायरॉइड से न होकर इसकी वजह से हो रही थकान, बढ़ता वज़न, ऊर्जा की कमी व शरीर में दर्द आदि से हो सकता है. स्पंदन महसूस होना: हार्ट पल्पिटेशन यानी धड़कनों को आप अपने गले व सीने में महसूस कर सकते हैं. दिल या तो ज़ोर-ज़ोर से धड़कता है या बीट्स मिस हो रही हैं, तो यह थायरॉइड के कारण हो सकता है. त्वचा में बदलाव: थायरॉइड के कम होने पर त्वचा ड्राई व उसमें खुजली भी हो सकती है. हार्मोंस की कमी से मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है, जिससे त्वचा पर भी प्रभाव पड़ता है. पसीना कम आता है, जिसकी वजह से त्वचा का मॉइश्‍चर कम हो जाता है. ये भी पढ़ेंः जानें मीठा खाने का सही समय (Know The Best Time To Eat Dessert) कब्ज़: मेटाबॉलिज़्म प्रभावित होने से कब्ज़ की शिकायत हो सकती है. जबकि थायरॉइड के बढ़ जाने से दस्त की शिकायत हो सकती है. महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता: थायरॉइड की कमी से पीरिड्स के बीच का अंतर बढ़ जाता है, दर्द अधिक होता है और हैवी ब्लीडिंग भी होती है. जबकि थायरॉइड की अधिकता से पीरियड्स जल्दी-जल्दी होने लगते हैं. हैवी ब्लीडिंग होती है. मसल्स में दर्द: हाथ-पैरों में दर्द और सुन्नता थायरॉइड की कमी के कारण हो सकता है. हाई ब्लड प्रेशर: जिन्हें थायरॉइड (कम या ज़्यादा) की समस्या होती है, उन्हें ब्लड प्रेशर की संभावना अपेक्षाकृत अधिक होती है. थायरॉइड की कमी से ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना और भी अधिक हो जाती है. बहुत ठंड या गर्मी लगना: बहुत अधिक ठंड लगना, जल्दी सर्दी होना थायरॉइड की कमी की निशानी भी हो सकती हैं. जबकि थायरॉइड की अधिकता से गर्मी व पसीने की समस्या हो सकती है. आवाज़ में बदलाव: थायरॉइड में सूजन की वजह से आवाज़ में बदलाव आ जाता है. नींद में बदलाव: हमेशा नींद आना थायरॉइड की कमी का संकेत हो सकता है, जबकि नींद न आना इसकी अधिकता की निशानी हो सकती है. कंसीव करने में समस्या: प्रेग्नेंसी में समस्या हो रही है, तो थायरॉइड भी इसकी वजह हो सकती है, क्योंकि थायरॉइड का असंतुलन ओव्यूलेशन को प्रभावित करता है. बालों का झड़ना: न स़िर्फ सिर के बाल बल्कि आईब्रो व अन्य हिस्सों के बाल भी थायरॉइड की कमी से कम हो सकते हैं. जबकि थायरॉइड की अधिकता स़िर्फ सिर के बालों को प्रभावित करती है. हृदय रोग व हाई कोलेस्ट्रॉल: थायरॉइड की कमी से बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है और हृदय रोग भी हो सकता है.

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