बचपन से किशोवस्था की तरफ़ बढ़ते बच्चों की अपनी एक अलग ही दुनिया होती है. यह दुनिया उनके ख़्वाबों, चाहतों, पसंद-नापसंद, शरारतों व सीक्रेट्स से बनी होती है, जिसमें किसी की घुसपैठ उन्हें पसंद नहीं. ज़्यादातर लोगों के लिए यह दुनिया एक रहस्य के समान होती है, पर हमारे लिए नहीं, क्योंकि उनके सीक्रेट्स जानने के लिए हमने की उनसे कुछ ख़ास बातें. टीनएजर्स की इसी रहस्यमयी दुनिया से हम आपको करा रहे हैं रू-ब-रू, ताकि आप भी जान सकें उनके ख़ास सीक्रेट्स.
* एक बार मैंने बिना पापा की परमिशन के उनकी बाइक चलाई और एक छोटा-सा एक्सीडेंट हो गया. बाइक थोड़ी-सी डैमेज हो गई. पर घर में मैंने बताया कि बाइक मुझे इस हालात में पार्किंग लॉट में पड़ी मिली. * जिस दिन मेरा स्कूल जाने का मन नहीं होता, उस रात मैं अलार्म बंद कर देता हूं और सुबह उठकर अलार्म न बजने का बहाना बना देता हूं. * जब भी मुझे किसी पार्टी या मूवी के लिए जाना होता है, तो झूठ बोल देता हूं कि मैं दोस्त के घर पढ़ने या प्रोजेक्ट के काम से जा रहा हूं. * घर पहुंचने से पहले मैं अपने मोबाइल फोन से कुछ मैसेजेज़ व कॉल हिस्ट्री डिलीट कर देता हूं, ताकि पैरेंट्स के टेंशनवाले सवालों से बच सकूं. * मुझे सर्दियों में नहाना बिल्कुल पसंद नहीं, इसलिए सर्दियों में अक्सर मैं बाथरूम में जाकर बालों को गीला करके, हाथ-पैर व मुंह धो लेता हूं, थोड़ा डियोड्रेंट लगाता हूं और बाहर आकर कहता हूं कि पानी बहुत ठंडा था. * मैं और मेरे कई दोस्त अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पार्ट टाइम जॉब करते हैं. पर हमने इस बारे में अपने पैरेंट्स को नहीं बताया, क्योंकि हम नहीं चाहते कि पॉकेटमनी कम हो जाए. * कभी-कभी जब मम्मी मुझे बाज़ार से कुछ ख़रीदने के लिए पैसे देती हैं, तो मैं अक्सर थोड़े पैसे बचाकर रख लेता हूं. घर आकर मम्मी को बोल देता हूं कि चीज़ों के दाम तो आसमान छूने लगे हैं. * मम्मी मुझे रोज़ाना बस का किराया देती हैं, पर बस से जाने की बजाय मैं पैदल जाता हूं, ताकि उन पैसों से अपना फेवरेट स्नैक्स ख़रीद सकूं. * एक बार स्कूल में मोबाइल यूज़ करते व़क्त टीचर ने मुझे देख लिया और मोबाइल छीन लिया. घर पर मैंने बताया कि मोबाइल अचानक से ख़राब हो गया, तो मैंने रिपेयर के लिए दिया है. * मेरे पैरेंट्स को मेरे कुछ दोस्त पसंद नहीं, इसलिए वे उनसे दूर रहने के लिए कहते हैं. मैं उनके मोबाइल नंबर सेव करने की बजाय याद कर लेता हूं, ताकि जब भी वे कॉल करें, मेरे फोन में उनका नाम न दिखे. * जब भी हमें स्कूल-कॉलेज में हाफ डे मिलता है, तो हम घरवालों को बिना बताए, कहीं घूमने चले जाते हैं और ठीक समय पर घर पहुंच जाते हैं. हमारे पैरेंट्स को कभी इस बारे में शक भी नहीं हुआ. * जब भी हमारे फ्रेंड सर्कल में किसी के पैरेंट्स शहर से बाहर जाते हैं, तो हम सारी सहेलियां मिलकर उसके घर पर रातभर पार्टी करते हैं. घर पर हम बता देते हैं कि कंबाइन प्रोजेक्ट पर काम करना है. * कभी-कभी हम दोस्त मिलकर पैसे जमा करते हैं और एडल्ट मैग्ज़ीन ख़रीदकर देखते हैं. * इस साल कुछ दिनों के लिए मुझे स्कूल से सस्पेंड कर दिया गया, पर मैंने घर पर नहीं बताया और रोज़ स्कूल जाने का नाटक करता रहा. स्कूलवाले घर पर फोन नहीं कर पाए, क्योंकि हमारे फोन ख़राब थे, पर उन्होंने लेटर भेजा, जो क़िस्मत से मेरे ही हाथ लगा और मैंने उसे फाड़कर फेंक दिया.- सत्येन्द्र सिंह
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