वृक्षों में पीपल (Health Benefits Of Peepal) का स्थान सबसे ऊंचा है. वायुमंडल में सबसे अधिक मात्रा में ऑक्सीजन पीपल के द्वारा ही उत्सर्जित होती है. इसी से हम सांस लेकर जीवित रहते हैं. पीपल में अमृत तत्व पाया जाता है. इसमें देवताओं का निवास स्थान माना गया है. लेकिन आध्यात्मिक महत्व के अतिरिक्त इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पीपल के जड़ से लेकर पत्तों तक में रोग निवारण की अद्भुत क्षमता है. दूध जैसा दिखनेवाला इसका रस हृदय रोग को दूर करता है. आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी पीपल के औषधीय गुणों का महत्व बतलाया गया है.
* सांस फूलने या दमा का दौरा पड़ने पर पीपल की सूखी छाल के चूर्ण की 5 ग्राम मात्रा गुनगुने पानी के साथ दिन में तीन बार लेने से काफ़ी राहत मिलती है और धीरे-धीरे यह रोग शांत हो जाता है. * यदि कब्ज़ हो, तो पीपल के पत्तों को छाया में सुखाकर उसके चूर्ण को गुड़ के साथ मिलाकर गोलियां बना लें. रात को सोने के कुछ समय पहले दो गोली गुनगुने दूध के साथ सेवन करने से तुरंत ही लाभ होता है. * आंखों से पानी गिरने पर पीपल की पांच कोपलें एक कप पानी में रात को भिगो दें और सुबह उसी पानी से आंखों को धोएं. * कोपलों के रस में शुद्ध शहद मिलाकर सलाई से आंखों में प्रतिदिन लगाने से आंखों की लाली तथा जलन भी दूर होती है. * पीपल के छोटे पत्तों को कालीमिर्च के साथ पीसकर मटर के आकार की गोलियां बनाएं. एक गोली दांतों तले दबाकर कुछ देर रखने से दांतों का दर्द दूर हो जाता है. * 50 ग्राम पीपल की गोंद में समान मात्रा में मिश्री मिलाकर चूर्ण बनाएं. प्रतिदिन सुबह 3 ग्राम यह चूर्ण सेवन करने से शरीर की गर्मी शांत होती है और नकसीर से छुटकारा मिल जाता है. * पीपल और लसौढ़े के 5-5 पत्ते अच्छी तरह पीसकर उसमें सेंधा नमक मिलाकर पंद्रह दिनों तक पीने से पीलिया रोग पूर्ण रूप से ख़त्म हो जाता है. * पीपल के पंचांग का चूर्ण एवं गुड़ समान मात्रा में मिलाकर सौंफ के अर्क के साथ दिन में दो बार सेवन करने से पेट के सारे कीड़े मर जाते हैं. बच्चों के लिए यह बहुत उपयोगी नुस्ख़ा है. * पीपल के सूखे फलों को कूट-पीसकर कपड़छान चूर्ण बना लें. संतानहीन स्त्रियों को इस चूर्ण की 5 ग्राम की मात्रा एक ग्लास शुद्ध गुनगुने दूध के साथ नियमित सेवन करना चाहिए. गर्भाधान अवश्य होगा. केवल मासिक धर्म के दिनों में इसका सेवन न करें. * शीघ्रपतन की शिकायत हो, तो पीपल की दुधिया रंग की 11 बूंदें शक्कर या बताशे में टपकाकर प्रतिदिन सेवन करने से सारा दोष मिट जाता है. कुछ महीनों तक इसका सेवन जारी रखें. * पीपल की छाया में प्रतिदिन विश्राम करने वाले लोग चर्म रोग से बचे रहते हैं. * सन्निपात ज्वर के रोगी को पीपल के पत्तों पर लिटाने से उसका ज्वर उतर जाता है. * बच्चे को नज़र लग जाने पर पीपल के पत्तों को जलाकर उसका धुआं बच्चे के शरीर पर लगाने से नज़र उतर जाती है.सुपर टिप
पीपल के पांच पके हुए फल प्रतिदिन खाने से स्मरणशक्ति बढ़ती है. साथ ही शरीर भी पुष्ट एवं ओजयुक्त होता है.दादी मां के अन्य घरेलू नुस्ख़े/होम रेमेडीज़ जानने के लिए यहां क्लिक करें- Dadi Ma Ka Khazana
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