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जानें हींग के 13 आश्‍चर्यजनक फ़ायदे (13 SURPRISING BENEFITS OF HING OR ASAFOETIDA)

हींग (Hing) का उपयोग विशेषतः दाल-साग को बघारने में होता है. परंतु अनेक रोगों के निवारण में भी यह सक्षम है. इसके सेवन से कफ, वायु दोष नहीं होते. उचित मात्रा में हींग (Asafoetida) का सदैव प्रयोग करना चाहिए. यह बहुत लाभप्रद (Beneficial) है. इसके अनेक औषधीय गुण हैं. BENEFITS OF HING OR ASAFOETIDA 1. 2 चम्मच सरसों के तेल में 1 ग्राम हींग, दो कली लहसुन और ज़रा-सा सेंधा नमक भून लें. जब हींग जल जाए, तो तेल को छानकर शीशी में भरकर रख लें. कान में दर्द या सांय-सांय होने पर दो-दो बूंद तेल रोज रात को कानों में डालें. प्रतिदिन एक सप्ताह तक ऐसा करने से कान दर्द, खुश्की और सांय-सांय की आवाज की शिकायत दूर हो जाती है. 2. हींग को घी में भून लीजिए. फिर काली मिर्च, वायबिडंग, कूठ, सेंधा नमक और भुनी हुई हींग, सभी 5-5 ग्राम लेकर कूट-पीस-छानकर शीशी में भर लें. कुकुर खांसी होने पर आधा या एक ग्राम चूर्ण शहद में मिलाकर सुबह-शाम चाटें. यह नुस्ख़ा सिर्फ एक हफ्ते में ही चमत्कार दिखा देता है. 3. कौड़ी (गिल्टी का दर्द) हो, तो एक बीज निकाला हुआ मुनक्का लेकर उसमें दो ग्राम भुनी हींग मिलाकर नबा जाइए. ऊपर से दो घूंट गर्म पानी पी लें. असर होते देर नहीं लगेगी. दूसरे दिन इस दवा की एक ख़ुराक और ले लीजिए. रोग हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएगा. 4. हींग, सोंठ और मुलहठी 2-2 ग्राम लेकर पीस लें. फिर मधु मिलाकर चने के बराबर गोलियां बना लें. भोजन के बाद एक गोली सुबह और एक गोली रात को चूसिए. कब्ज़ से राहत मिलेगी. 5. हींग को शराब में खरल करके सुखा लीजिए. इसे दो रत्ती मक्खन के साथ खाने से खांसी, श्‍वास और दूषित कफ विकार में अत्यंत लाभ होता है. यह भी पढ़े: आंवला के 17 चमत्कारी फ़ायदे (17 Magical Health Benefits Of Amla) 6. हींग, सेंधा नमक और घी 10-10 ग्राम लेकर 120 मि.ली. गोमूत्र में मिलाइए. उसे इतना उबालिए कि केवल घी बाकी रह जाए. यह घी पीने से मिर्गी दूर होती है. 7. हींग, कालीमिर्च और कपूर- प्रत्येक 10-10 ग्राम और अफीम 4 ग्राम लेकर अदरक के रस में छह घंटे तक घोंटिए. फिर एक-एक रत्ती की गोलियां बनाइए. एक या दो गोली दिन में तीन बार लेने से दस्त से छुटकारा मिलता है. 8. हींग, कपूर और आम की गुठली समभाग में लेकर पुदीने के रस में पीसकर चने के बराबर गोलियां बना लें. चार-चार घंटे पर यह गोली देने से हैजे में फ़ायदा होता है. 9. घी में सेंकी हुई हींग घी के साथ खाने से प्रसूता स्त्री को आने वाला चक्कर (सिर चकराना) और शूल मिटता है. 10. हींग का चार माशा चूर्ण बीस तोले दही में मिलाकर पीने से और दोपहर को केवल दही-भात खाने से या स़िर्फ दही सेवन करने से तीन दिन में ही नारू बाहर निकल आता है. यह भी पढ़े: प्रेग्नेंसी में होनेवाली उल्टी के लिए 9 होम रेमेडीज़ (9 Effective Home Remedies For Vomiting During Pregnancy) 11. पेट में गैस हो गई हो, पेट फूल कर ढोल के समान बन गया हो, पेट में दर्द हो रहा हो, तो नाभि के आसपास और पेट पर हींग का लेप करने से थोड़े समय में ही आराम हो जाता है. 12. हींग और अफीम बराबर-बराबर लेकर तिल के तेल या मोम और तेल में अच्छी तरह पीसें. यह मलहम कंठमाल पर लगाने से कंठमाल पककर फूट जाता है और आराम मिलता है. 13. हींग को पानी में उबालकर उस पानी से कुल्ले करने से दांत की पीड़ा दूर होती है. यदि दांत में पोल हो, तो पोल में हींग भरने से दंतकृमि मर जाते हैं और दांत की पीड़ा दूर हो जाती है.

- मूरत गुप्ता

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