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करौंदे की 13 औषधीय उपयोगिता (13 Powerful Health Benefits of Karonde)

Health Benefits of Karonde करौंदे (Health Benefits of Karonde) का कच्चा फल कड़वा, अग्निदीपक, खट्टा, स्वादिष्ट और रक्तपित्तकारक है. यह विष तथा वातनाशक भी है. यह एक छोटा-सा फल है, पर इसमें काफ़ी औषधीय गुण मौजूद हैं. उपचार के आधार से इसमें साइट्रिक एसिड और विटामिन सी समुचित मात्रा में है. इसमें कई सामान्य बीमारियों को नष्ट करने की अद्भुत क्षमता है. इसके फल, पत्तियों एवं जड़ की छाल औषधीय प्रयोग में लाई जाती है. करौंदे के फल का स्वरस 5 से 10 ग्राम, पत्तियों का रस 12 से 24 ग्राम तक, पत्तियों का काढ़ा 60 से 120 ग्राम और फलों का शर्बत 12 ग्राम की मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है. * करौंदे के कच्चे फल की सब्ज़ी खाने से कब्ज़ियत दूर होती है. * बुख़ार होने पर करौंदे के पत्ते का क्वाथ पिलाना लाभदायक होता है. * सूखी खांसी में एक चम्मच करौंदे के पत्ते का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से फ़ायदा होता है. * इसके कच्चे फल की चटनी खाने से मसूड़ों की सूजन और दांतों की पीड़ा में लाभ मिलता है. * करौंदे के मूल को उबालकर पिलाने से सर्प विष दूर हो जाता है. यह भी पढ़ें: सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद होता है कड़वा करेला * करौंदे के ताज़े पत्ते लेकर उनका रस निकालें, छानकर ड्रॉपर से दो-दो बूंद आंखों में डालने से शुरुआती मोतियाबिंद ख़त्म हो जाता है. * करौंदे के बीजों के रोगन (बीजों को पीसकर तेल में पकाया हुआ तेल) को मलने से हाथ-पैर की बिवाई होने पर बेहतर लाभ होता है. * गर्मियों में रोज़ाना इसके मुरब्बे का सेवन करने से दिल के रोगों से बचाव होता है. * इसको खाने से प्यास का शमन होता है और वायु दोष से छुटकारा मिलता है. * करौंदे में लौह की मात्रा होने के कारण शरीर में रक्त की कमी की समस्या दूर होती है. यह भी पढ़ें: हीमोग्लोबिन बढ़ाने के साथ ही इम्यूनिटी भी बूस्ट करता है पालक * यह वायुशामक है. इसके पके फल रोज़ाना खाने से पेट की गैस की समस्या दूर होती है. * जानवरों के कीड़े युक्त घावों में करौंदे की जड़ को पीसकर भर देने से कीड़े नष्ट होकर घाव शीघ्र भर जाते हैं. * इसकी पत्तियों का क्वाथ सिर में लगाने से जूएं नष्ट हो जाती हैं. हेल्थ अलर्ट मूत्र संक्रमण से होनेवाली बीमारी मूत्रनली की सूजन में करौंदा लाभप्रद है. इज़राइल के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, करौंदे में प्रोंथोसाइनाइडिंस नामक द्रव्य होता है, जो ई-कोली जीवाणु को मूत्राशय में चिपकने नहीं देता, जिसकी वजह से मूत्र से संबंधी बीमारियां नहीं होतीं. इतना ही नहीं, करौंदा शरीर में होनेवाले अल्सर और मुख के संक्रमण से भी बचाव करता है.
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