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औषधीय गुणों से भरपूर लहसुन (13 Health Benefits Of Garlic)

बरसों से ही शाक-सब्ज़ी, दाल आदि व्यंजनों में मसाले के रूप में लहसुन का इस्तेमाल होता रहा है. लेकिन यह सर्वश्रेष्ठ औषधि भी है. पैर का दर्द, पीठ की जकड़न, हिस्टीरिया, लकवा, वायु विकार आदि में लहसुन बहुत लाभदायक है. अत्यधिक गुणकारी होने के कारण ही लहसुन को आयुर्वेद में महाऔषधि कहा गया है.

• लहसुन, शक्कर और सेंधा नमक समान मात्रा में लेकर चटनी की तरह पीस लें. इसमें घी मिलाकर चाटने से पेटदर्द, अपच, पेट की जलन आदि दूर होता है.

• सर्दी-ज़ुकाम होने पर ५-५ मि.ली. लहसुन और तुलसी का रस, १ टीस्पून सौंठ का चूर्ण और आधा टीस्पून कालीमिर्च का चूर्ण सबको एक साथ मिलाकर आधा लीटर गाय के दूध के साथ सुबह-शाम पीने से थोड़े ही दिनों में आश्चर्यजनक लाभ होता है.

• लहसुन की कलियों को पीसकर कनपटी पर उसका लेप करने से सिरदर्द दूर होता है. आधासीसी (माइग्रेन) में भी यह नुस्ख़ा अत्यंत गुणकारी है. लहसुन के रस की २-३ बूंदें नाक में डालने से भी आधासीसी में लाभ होता है.

• लहसुन की कलियों को तेल में पकाकर छान लें. इस तेल की दो-दो बूंद कान में डालने से कान का दर्द शांत हो जाता है. कान पक रहा हो, तो भी यह तेल लाभकारी होता है.

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• लहसुन को पीसकर मरीज़ को सुंघाने से हिस्टीरिया की मूर्च्छा दूर हो जाती है.

• ५-५ मि.ली. लहसुन का रस और अडूसा के पत्ते का रस गाय के घी और दूध में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से क्षय रोग दूर होता है.

• लहसुन की कलियों को पीसकर रस निकालें. यह रस तीन दिन तक मलने से शारीरिक गर्मी के कारण शरीर पर चकत्ते दूर हो जाते हैं.

• लहसुन को पीसकर दूध में मिलाकर लेने से ब्लड प्रेशर में बहुत लाभ होता है. इसके अलावा लहसुन में पुदीना, जीरा, धनिया और सेंधा नमक मिलाकर चटनी बनाकर भी ले सकते‌ हैं.

• घाव में कीड़े पड़ गए हों, लहसुन पीसकर उसका लेप लगाएं.

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• १०-१५ लहसुन की कल्लियों को घी में पकाकर उसे छान लें. इसे सुबह-शाम पिलाने से काली खांसी दूर हो जाती है या फिर ३ बूंद लहसुन का रस शर्बत में मिलाकर चार-चार घंटे पर देने से काली खांसी मिटती है.

• हर रोज़ रात को लहसुन की ५ कलियां भिगो दें. सुबह उन्हें पीस-छानकर पानी पी लें. दूसरे हफ़्ते ७ और तीसरे हफ़्ते १० कलियों का इसी प्रकार सेवन करें. तीन हफ़्ते के बाद यह प्रयोग बंद करें. एक हफ़्ते के बाद यह प्रयोग पुनः शुरू करें. औषधि सेवन काल में मक्खन का सेवन करना ज़रूरी है. यह नुस्ख़ा सभी वात रोगों में अत्यंत गुणकारी है.

• लहसुन को अच्छी तरह पीसकर मलहम जैसा बना लें. उसे कपड़े पर लगाकर पट्टी बनाएं. कंठमाला की गांठों पर यह पट्टी लगाते रहने से कंठमाला की गांठें अच्छी हो जाती हैं.

सुपर टिप
लहसुन, अदरक, हरा धनिया, सफ़ेद द्राक्ष, शक्कर व सेधा नमक की चटनी बनाकर भोजन के साथ नियमित सेवन करने से अरुचि मिटती है, भूख लगती है और खाना जल्दी पचता है.

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Photo Courtesy: Freepik

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