हृदय से जुड़ी बीमारियां (Natural Remedies for Heart Disease) आजकल एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह तनाव, भागदौड़भरी ज़िंदगी, ग़लत खानपान, ज़रूरत से ज़्यादा काम का बोझ आदि हैं. हृदय में दर्द, धड़कनों का तेज़ या कम होना, हृदय की धमनियों में विकृति आ जाना जैसे विकार उत्पन्न होने लगते हैं. ऐसे में कुछ उपयोगी घरेलू नुस्ख़ों का प्रयोग करके इन सबसे बचा जा सकता है.
1. यदि छाती के बाईं ओर दर्द उठता है और सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है, पसीना आने लगता है, तो दूध में लहसुन पकाकर पीएं. कुछ दिनों तक निरंतर इस दूध का सेवन करने से लाभ होता है. 2. हृदय रोग और रक्तचाप रोग में यदि नियमित रूप से सुबह-शाम लौकी की सब्ज़ी का सूप पीएं या उसकी सब्ज़ी भोजन के साथ सेवन करें, तो एक महीने में ही लाभ होने लगेगा. 3. हृदय में दर्द होने या दौरा पड़ने पर दो चम्मच शुद्ध घी में आधा टीस्पून बेल का रस मिलाकर पीएं. गाय का घी हो, तो अति उत्तम है. इससे तुरंत राहत मिलेगी. 4. हींग को भूनकर उसका चूर्ण बना लें. फिर काला व स़फेद जीरा, अजवायन और सेंधा नमक- सभी बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनाएं और हींग के चूर्ण को इसमें मिलाकर बॉटल में भरकर रख दें. हर रोज़ एक टीस्पून चूर्ण का सेवन करें. कुछ दिनों में ही हृदय का दर्द दूर हो जाएगा. 5. 100 मि.ली. अदरक के रस में थोड़ा-सा शहद मिलाकर चाटने से हृदय के दर्द में आराम मिलता है. 6. 10 मि.ली. अनार के रस में 10 ग्राम पिसी मिश्री डालकर हर रोज़ सुबह पीने से हृदय की जकड़न और हृदय का दर्द दूर हो जाता है. 7. हृदय की धड़कन तेज़ हो, तो एक टेबलस्पून अनार के ताज़े पत्ते को एक कप पानी में पीसकर और छानकर सुबह-शाम पीने से हृदय मज़बूत बनता है और हृदय की धड़कन सामान्य होती है. 8. 200 मि.ली. ताज़े गाजर के रस में 100 मि.ली. पालक का रस मिलाकर रोज़ सुबह पीएं, तो हृदय की तकली़फें, दिल का दौरा और दिल का बेक़ाबू हो धड़कना, सब नियंत्रण में आ जाता है. 9. हृदय रोगी यदि ख़ूब मथकर मक्खन निकाला हुआ एक ग्लास छाछ रोज़ पीएं, तो हृदय की रक्तवाहिनियों में बढ़ी हुई चर्बी कम हो जाती है और दिल की तेज़ धड़कन व घबराहट भी दूर हो जाती है. 10. यदि दिल घबराता है, धड़कन तेज़ हो गई है, पसीना आ रहा है, तो आलूबुखारा खाइए या मीठा अनार चूसिए. आराम मिलेगा. 11. पका हुआ कद्दू लेकर उसे धो लें और छिलके सहित उसके छोटे-छोटे टुकड़े काट लें. इसे अच्छी तरह सुखाकर मिट्टी के बर्तन में भरकर बर्तन के मुख पर ढक्कन लगाकर ऊपर से कपड़ा रखकर मिट्टी का लेप लगा दें. इस बर्तन को 15-20 मिनट तक धीमी आंच पर रखकर गर्म करें. फिर उसे उतारकर ठंडा होने पर खोलें. कुम्हड़े के जले हुए टुकड़ों को कूटकर चूर्ण बनाएं और एयरटाइट बॉटल में भरकर रख दें. आधा टीस्पून चूर्ण में 1/4 टीस्पून सोंठ का चूर्ण मिलाकर गर्म पानी के साथ सेवन करें. इससे सभी तरह के हृदय दर्द से राहत मिलती है.सुपर टिप
लौकी उबालकर उसमें नमक, धनिया, जीरा, हल्दी व हरा धनिया डालकर कुछ देर और पकाएं. हृदय रोगी को इसका नियमित सेवन कराने से हृदय की कार्यशक्ति बढ़ती है.
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