मां और मैम, कितना मुश्किल है दोनों की ज़िम्मेदारी को साथ-साथ मैनेज करना. दोनों शब्दों के बीच के गैप को भरने में सारी उम्र महिलाएं मेहनत और मशक्कत करती रहती हैं. एक ओर ऑफ़िस का टार्गेट तो दूसरी ओर बच्चे के भविष्य और घर में सबको ख़ुश रखने का लक्ष्य. इन दोनों को पूरा करने में महिलाओं को रोज़ाना कई समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है. इस बीच उनको तनाव भरी ज़िंदगी से जूझना पड़ता है. इसी तनाव को दूर करने के लिए हम लेकर आए हैं 10 ऐसे तरी़के जो आपकी लाइफ़ को ख़ुशियों से भर देगें.
1) ख़ुद के लिए समय निकालें
घर और बाहर, दोनों जगह काम करना कोई आसान बात नहीं होती. ख़ासतौर पर महिलाओं के लिए ये काम किसी चुनौती से कम नहीं. ऑफ़िस से घर आने के बाद पति से लेकर पूरे परिवार की देखभाल करते-करते महिलाएं ख़ुद के लिए समय नहीं दे पातीं जिसकी वजह से वो तनाव का शिकार होती हैं. ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि आप अपने लिए समय निकालें. घर के कामों से थोड़ा वक़्त अपने लिए निकालें, उस समय किसी भी तरह का डिस्टर्बेंस न लें. कंप्यूटर, टीवी, मोबाइल इन सब से दूर दिन में एक बार समय ज़रूर बिताएं.
2) अपनी पसंद का काम करें
घर में कभी बच्चों की पसंद तो कभी पति की पसंद के बारे में दिन-रात महिलाएं सोचती रहती हैं. परिवार को क्या पसंद है क्या नहीं इसी का ध्यान रखते-रखते सारी उम्र गुज़र जाती है. क्या कभी आपने ख़ुद से ये पूछा कि आपको क्या पसंद है, आप क्या खाना चाहती हैं, काम करने का मन है या नहीं? तो अब सोचिए. ख़ुद को महत्व देना शुरू करें. जो पसंद हो वो काम करें इससे आप अच्छा महसूस करेंगी और तनाव नाम की चिड़िया से दूर रहेंगी.
3) सकारात्मक सोच रखें
काम को एंजॉय करते हुए करें. ऑफ़िस या घर किसी भी काम को बोझ की तरह न लें. ज़्यादातर महिलाएं जो जॉब करती हैं, काम को बोझ समझने लगती हैं, घर आने से पहले ही घर के कामों का प्रेशर उनके ऊपर सवार हो जाता है. जिससे घर पहुंचते-पहुंचते वो सहज नहीं रह पातीं और तनाव में घिर जाती हैं. जिसका असर उनके काम पर साफ़ दिखाई देता है. हंसते-हंसते हर काम को करना सीखें, जितना हो सके उतना ही काम करें लेकिन दूसरों को ये पता न चलने दें कि आप के ऊपर बहुत काम है. काम का तनाव ख़ुद पर न आने दें.
4) हंसना सीखें
चेहरे पर मुस्कुराहट लेकर कोई काम करना कितना आसान होता है क्या ये आपको पता है? दिनभर की थकान आपकी मिनटों में दूर हो जाती है जब आपका प्यारा कोई घर में हंसते हुए आपका स्वागत करता है. ऐसे में अगर आप ख़ुद इसका अनुकरण करेंगी तो कितना फ़ायदा होगा.
5) बच्चों को उनका काम ख़ुद करने दें
ऑफ़िस के काम के बाद आप इतना थक जाती हैं कि दूसरे काम की ओर देखने की भी आपकी इच्छा नहीं होती. ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि अपने लाडले/लाडली को उसका काम ख़ुद उसे ही करना सिखाएं. वर्किंग मॉम ही नहीं बल्कि ये तो नॉन वर्किंग मॉम के लिए भी सही है. इस तरह से बहुत हद तक आपका काम कम हो जाएगा और साथ में आपका बच्चा ख़ुद का काम करना भी सीख जाएगा.
6) रेगुलर एक्सरसाइज़ करें
सुबह उठने के बाद सबसे पहला काम आप एक्सरसाइज़ करें. इससे आपका शरीर सुकून महसूस करेगा और सारा दिन आप तरोताज़ा रहेंगी. एक्सरसाइज़ से आपको मानसिक और शारीरिक दोनों तौर पर फ़ायदा होगा.
7) पूरी नींद लें
आज के इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में पैसा कमाने के चक्कर में दिन-रात लोग काम करने में लगे रहते हैं. एक ओर पैसा कमाने की होड़ तो दूसरी ओर दिनभर घर के लोगों की तीमारदारी. इन सब के बीच आप ख़ुद को आराम के नाम पर महज़ 4 या 5 घंटे की नींद देती हैं और उसके बाद फिर से दूसरी सुबह पति, बच्चे, सास-ससुर की देखभाल में जुट जाती हैं. किसी भी स्वस्थ शरीर के लिए बहुत ज़रूरी है कि वो 8 घंटे की बराबर नींद ले. ख़ुद को तनाव से दूर रखने के लिए आप आज से ही ये प्रण लिजिए कि रोज़ाना 8 घंटे की नींद लेंगी.
8) हफ़्ते में एक दिन बाहर घूमने जाएं
ऑफ़िस और घर के काम में न जाने कैसे पूरा हफ़्ता निकल जाता है, पता ही नहीं चलता. जो महिलाएं जॉब नहीं करतीं उनका भी पूरा हफ़्ता पति और बच्चों की देखभाल में ही निकल जाता है. हफ़्ते में एक दिन परिवार के साथ बाहर घूमने का प्लान बनाएं. इससे आप अच्छा महसूस करेंगी.
9) सुपर वुमन नहीं हैं आप
आप कोई सुपर वुमन नहीं हैं, जो मिनटों में सारे काम निपटा लेंगी. आप भी दूसरे लोगों की तरह एक आम इंसान हैं. इसलिए घर में सभी की इच्छा को पूरा करने में मत लग जाइए. पति और बच्चों को भी इस बात का एहसास कराएं. जितना हो सके उतना ही काम करें. आवश्यकता से अधिक काम की ज़िम्मेदारी आपको तनाव के सिवा और कुछ नहीं देती.
10) दूसरी महिलाओं से तुलना न करें
हो सकता है आपकी पड़ोसन हर रोज़ पति और बच्चों को टिफ़िन में कुछ नया देती हो, कोई आपसे अच्छी स्क्रैप बुक बना लेता है या फिर घर और ऑफ़िस दोनों बड़े बख़ूबी से संभाल लेती है. इन सब से परेशान होकर तनाव में आकर आप भी वही करने की कोशिश करने में लग जाएं, ये ठीक नहीं है. यहां कोई परीक्षा नहीं है, जिसमें आपको अव्वल आना है. हमेशा सबसे पहले ख़ुद की क्षमता को देखें. किसी से तुलना करके तनाव में जीने के बजाय अपने आप में ही मस्त रहें. इस बात को समझने की कोशिश करें कि हाथ की पांचों उंगलियां एक बराबर नहीं होतीं.