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इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय न करें ये 10 ग़लतियां (10 Mistakes To Avoid While Buying Life Insurance)
1. इंश्योरेंस (Insurance) लेना और सही इंश्योरेंस लेना दो अलग चीज़ें हैं. ज़्यादातर मामलों में बिना सोचे-समझे इंश्योरेंस लेनेवालों को ज़रूरत के व़क्त या इन्कम टैक्स भरते समय एहसास होता है कि उन्होंने पॉलिसी (Policy) चुनने में ग़लती कर दी.
2. एक कॉमन ग़लती, जो इंश्योरेंस के मामले में ज़्यादातर लोग करते हैं, वो ये कि इंश्योरेंस लेने में काफ़ी देरी कर देते हैं. उन्हें लगता है कि अभी तो कमाना शुरू किया है, थोड़ा सेटल हो जाएं, तब इंश्योरेंस के बारे में सोचेंगे. पर आप ये ग़लती न दोहराएं. ध्यान रहे, आप जितनी जल्दी इंश्योरेंस करवाएंगे, प्रीमियम उतना ही कम भरना पड़ेगा.
3. कम से कम प्रीमियमवाली पॉलिसी या प्लान पर फोकस करने की बजाय आपका ध्यान इंश्योरेंस कवरेज पर होना चाहिए. ऐसा करके आप भले ही कुछ पैसे बचा लेते हैं, पर बहुत-सी ज़रूरी चीज़ें छूट जाती हैं.
4. एक बार इंश्योरेंस लेने के बाद उसे अपडेट न कराने की ग़लती भी बहुत-से लोग करते हैं, जबकि हर तीन साल में आपको अपने डॉक्युमेंट्स चेक करने चाहिए. नॉमिनी की जानकारी अपडेटेड रहे, तो पैसा सही हाथों में ही जाता है.
5. बिना मार्केट रिसर्च किए और बाकी पॉलिसी़ज़ के प्रीमियम और कवरेज की तुलना किए बग़ैर इंश्योरेंस लेने की भूल भी कई लोग करते हैं.
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6. दोस्तों-रिश्तेदारों से बात करके आपको मार्केट के बारे में एक अंदाज़ा मिल सकता है, पर ध्यान रहे वो एक्सपर्ट नहीं हैं, इसलिए आंख बंद करके उन पर विश्वास करना भारी पड़ सकता है.
7. परिवार के हर सदस्य का इंश्योरेंस होना चाहिए, पर ज़्यादातर घरों में पुरुषों का इंश्योरेंस होता है, महिलाओं का नहीं, जो ग़लत है. उनका सोचना होता है कि पत्नी नौकरी नहीं करती है, तो उनके नाम की बीमा पॉलिसी लेकर एक्स्ट्रा ख़र्च क्यों बढ़ा जाए. आमतौर पर बीमा कंपनियां उन्हें तभी कवर करती हैं, जब पति की बीमा पॉलिसी हो. घर के सभी सदस्यों को इंश्योर करें.
8. अगर आप पॉलिसी का भुगतान चेक के द्वारा कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि उसे स़िर्फ लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ऑफ इंडिया के नाम पर दें.
9.. कपल अगर वर्किंग है, तो दोनों को अपनी अलग-अलग बीमा पॉलिसी लेनी चाहिए. लेकिन वर्किंग कपल इसे ज़रूरत नहीं समझते हैं, उन्हें लगता है कि दोनों कमा रहें हैं, तो अनजानी बीमारी के ख़र्चों को दोनों मैनेज कर लेगें, इसलिए दोनों का अलग-अलग बीमा कराकर क्यों ख़र्च बढ़ाया जाए. यदि कपल एक ही बीमा पॉलिसी लेता है, तो दुर्घटना की स्थिति में अनचाहे ख़र्चे को वहन करना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा भविष्य में किसी एक मृत्यु होने पर दूसरे पार्टनर के लिए भविष्य में वितीय संकट भी हो सकता है.
10. कई बार प्लान लेते समय नॉमिनी नहीं बनाते, ताकि उनके बाद परिवार में किसी तरह का झगड़ा न हो और बाद में भरेंगे, ऐसा सोचकर छोड़ देते हैं. लोगों की यह सोच सरासर ग़लत है. नॉमिनी न बनाने पर परिवार में पैसों को लेकर विवाद हो सकता है. इसलिए अगर आप शादीशुदा हैं, तो पत्नी या बच्चों को नॉमिनी बनाएं. और अगर अविवाहित हैं, तो पैरेंट्स को नॉमिनी ज़रूर बनाएं.
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