- अरुण का जन्म 12जनवरी 1958 को मेरठ में हुआ है. मेरठ में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने ने कई नाटकों में काम भी किया था. अरुण के पिता चाहते थे कि वो सरकारी नौकरी करें, लेकिन अरुण बिज़नेस करने मुंबई आ गए.
- बिज़नेस करने से पहले ही उन्हें ऐक्टिंग करने का ऑफर मिल गया 1977 में ताराचंद बडजात्या की फिल्म पहेली में.
- उसके बाद उन्होंने सावन को आने दो, सांच को आंच नहीं, इतनी सी बात, हिम्मतवाला, दिलवाला, हथकड़ी और लव कुश जैसी कई फिल्मों में काम किया.
- रामायण सीरियल करने से पहले अरुण ख़ुद को एक अच्छे ऐक्टर के रूप में साबित कर चुके थे.
- जब रामानंद सागर ने रामायण में अरुण को श्री राम का रोल ऑफर किया, तब उन्हें इस किरदार को निभाने के लिए सिगरेट पीने की पुरानी आदत छोड़नी पड़ी थी. तीन सालों तक चले रामायण धारावाहिक के दौरान उन्हें अपनी इमेज का ख़ास ध्यान रखना पड़ता था.
- रामायण से पहले लोगों ने उन्हें विक्रम और बेताल धारावाहिक में राजा विक्रमादित्य के रोल में ख़ूब पसंद किया था.
- अरुण कभी श्री राम की छवि से बाहर ही नहीं निकल पाए. जितने प्रसिद्ध वो इस रोल से हुए थे, उतना ही बड़ा खामियाज़ा भी उन्हें उठाना पड़ा. फिल्मों में रोमांस करते हुए या नेगेटिव रोल में दर्शक उन्हें नहीं देखना चाहते थे. अरुण ने श्री राम की छवि से बाहर निकलने की बहुत कोशिश की लेकिन वो असफल रहे. रामायण सीरियल को बने हुए 30 साल हो चुके हैं, लेकिन अरुण को लोग आज भी श्री राम के नाम से ही ज़्यादा जानते हैं.
- रामायण के बाद उन्हें ऐसे ही रोल्स के ऑफर आने लगे, जिसके बाद अरुण ने लगभग 10 सालों तक फिल्मों से दूरी बना ली और रामायण के लक्ष्मण यानी सुनील लाहिड़ी के साथ मिलकर अपनी प्रोडक्शन कंपनी शुरू की.
- 25 सालों बाद पिछले साल ही अरुण ने धरती की गोद में धारावाहिक से छोटे पर्दे पर दोबारा वापसी की.
- प्रियंका सिंह
Link Copied